Turkey Earthquake : तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप ने हज़ारों ज़िंदगियां तहत-नहस कर दी हैं। मरने वालों की तादाद 40 हजार से ज्यादा हो गयी है। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकाले जाने का सिलसिला अभी भी जारी है। खबरें आ रही हैं कि अभी भी बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं जो भूकंप की रात के बाद से लापता हैं।
इस दौरान तुर्की के हैती शहर से एक 45 वर्षीय शख्स को भूकंप के 248 घंटे बीत जाने के बाद मलबे से जिंदा निकाला गया है। शख्स का नाम हकन यासिनोग्लू है। उन्हें फिलहाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह भी तीन अन्य लोगों को मलबे से निकाला गया था। तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में 200 के करीब साइट्स पर बचाव कार्य जारी है।
लगातार निकाले जा रहे हैं लोग
तुर्की में आया भूकंप इतना विनाशकारी था कि बड़ी बड़ी इमारतें धारशाही हो गईं। अब तक 40 हजार लोगों की मौत हो चुकी हैं। भूकंप के अगले ही दिन से राहत कार्य जारी है। भारत की ओर से भी तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ़ की टीम भेजी गयी थी। भूकंप के 11 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों को मलबे के नीचे से निकाले जाने का काम जारी है। हैती शहर में 11 दिन बाद निकाले गए हकन यासिनोग्लू के अलावा भी कई लोग लगातार मलबे से ज़िंदा निकाले जा रहे हैं।
रेसक्यू टीम कैसे करती है काम ?
तुर्की के इस भूकंप के बाद तेजी से बचाव कार्य किया गया है। अभियान में जुटी टीमें मुस्तैदी से लगी दिखाई दे रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान हर दिन कई लोगों को मलबे से निकाला जा रहा है। इस ही आधार पर मरने वाले लोगों की तादाद का अंदाजा भी लगाया जा रहा है।
रेसक्यू टीमें भूकंप वाली जगह पहुंचकर इमारतों का जायजा लेती है और रेसक्यू काम शुरू किया जाता है। तुर्की में आया भूकंप इतना विनाशकारी था कि रेसक्यू टीमों को सर्च ऑपरेशन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।