रूस-यूक्रेन युद्ध को 3 साल हो चुके हैं। इस खूनी जंग में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी यह युद्ध अभी रुक नहीं पाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले ही अलास्का में राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक अहम मुलाकात की थी। उस मुलाकात में युद्ध खत्म करने को लेकर मंथन किया गया, सीजफायर पर चर्चा हुई। अब ट्रंप यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मिलने जा रहे हैं।
अब एक तरफ बातचीत चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ दोनों ही देश एक दूसरे पर हमले भी कर रहे हैं। इन तीन सालों में रूस ने काफी कुछ खोया है, यूक्रेन को भी नुकसान उठाना पड़ा है और अर्थव्यवस्था तो दोनों ही देशों की बर्बाद हुई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कुछ और है- आखिर रूस ने यूक्रेन की कितनी जमीन पर कब्जा किया है? जिस युद्ध को पुतिन 72 घंटे में खत्म करना चाहते थे, आखिर वे कामयाब कितने हो पाए?
यूक्रेन के कितने हिस्से पर रूस का कब्जा?
रूस-यूक्रेन के अगर मैप को देखा जाए तो पता चलता है कि रूस ने पिछले तीन सालों में यूक्रेन के काफी हिस्से पर अपना कब्जा किया है। शुरुआत में जरूर उसे कामयाबी ज्यादा नहीं मिल रही थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में रूस के ज्यादा संसाधन और ताकत उसके पक्ष में गए हैं। वर्तमान में यूक्रेन के 19 प्रतिशत हिस्से पर रूस ने अपना कब्जा जमाया है। आंकड़ों में बात करें तो यूक्रेन के 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किमी हिस्से पर रूस का कब्जा है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस ने इस समय क्रीमिया, डोनबास, जापोरिज्जिया-खेरसॉन और खारकीव इलाके पर कब्जा है। यहां भी डोनबार का क्षेत्रफल सबसे बड़ा है और रूस इसे काफी निर्णायक भी मानता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी जो बातचीत पुतिन की हुई है, उसमें साफ कहा गया है कि यु्द्ध तभी रुक सकता है जब यूक्रेन उन क्षेत्रों से अपना अधिकार छोड़ दे जहां अब रूस ने कब्जा कर लिया है।
रूस और यूक्रेन की कैसी है आर्थिक हालत?
IMF का आंकड़ा कहता है कि जब तीन साल पहले युद्ध छिड़ा था, रूस की अर्थव्यवस्था 1.3 फीसदी तक गिर गई थी, यह अलग बात है कि अब कुछ हद तक रीकवर करते हुए आंकड़ा 3.6 फीसदी तक पहुंच गया है। लेकिन अभी भी रूस की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है, चाहकर भी बिक्री कई सेक्टरों में नहीं बढ़ पा रही है। महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है और इंटरेस्ट रेट भी काफी ज्यादा चल रहे हैं।
यूक्रेन की बात करें तो वहां पर अभी 2022 में इकोनॉमी 36 फीसदी तक गिर गई थी, ऐसी गिरावट थी कि उठना काफी मुश्किल। लेकिन 2023 आते-आते यूक्रेन ने अपनी आर्थिक गति को 5.3 फीसदी तक पहुंचाया, इसे रूस की तुलना में बेहतर वापस भी माना गया। लेकिन जानकार कह रहे हैं कि कई सेक्टरों पर युद्ध का असर साफ देखने को मिल रहा है, आने वाले समय में यूक्रेन की जीडीपी भी 2.7 प्रतिशत तक गिर सकती है।
यूक्रेन में सबसे बड़ा विस्थापन
अब इस खूनी जंग ने यूक्रेन को एक और बड़ा आघात दिया है। असल में इस युद्ध में उसके सैकड़ों लोग तो मारे ही गए हैं, उससे भी ज्यादा विस्थापित हुए हैं। UN High Commissioner for Refugees के आंकड़ों को अगर डीकोड किया जाए तो पता चलता है कि अकेले 2024 में यूक्रेन से 3.7 मिलियन लोग अपने ही देश में विस्थापित हो चुके हैं, यानी कि एक जगह से दूसरी जगह जाने पर मजबूर हुए हैं। वहीं 6.9 मिलियन तो ऐसे मजबूर लोग हैं जिन्होंने अब दूसरे देशों में असाइलम मांगा है। वहीं जब 2022 में यह युद्ध शुरू हुआ था, तब तो 5.7 मिलियन यूक्रेनी लोगों ने अपना देश छोड़ दिया था।
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