इंडियन सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी टॉकटॉक का इलेक्ट्रॉनिक डेटा चुराने का आरोप लगा है। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है। कोलकाता के रहने वाले इन कर्मचारियों को इस महीने की शुरुआत में अरेस्ट किया गया था। टॉकटॉक ने अपनी डेटा सिक्युरिटी का रिव्यू करने के बाद भारतीय पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। बीते साल अक्टूबर महीने में टॉकटॉक के सर्वर में हैक करके कई कस्टमर्स की निजी जानकारियां चुरा ली गई थीं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि भारत में हुई गिरफ्तारियों का अक्टूबर वाली घटना से कोई संबंध नहीं है।
टॉकटॉक की ओर से जारी बयान में कहा गया, ”अक्टूबर 2015 में हुए साइबर हमले के बाद हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी सिक्युरिटी पूरी तरह मजबूत हो। टॉकटॉक की ओर से दी गई जानकारी पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने हमारी नीतियों और विप्रो के साथ हमारे करार का उल्लंघन किया है। हम विप्रो के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा भी कर रहे हैं। ”
बता दें कि गिरफ्तारियों के बारे में सबसे पहली खबर ब्रिटेन के चैनल 4 ने बुधवार को दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, कस्टमर्स का डेटा चुराने और उनके जरिए हजारों पाउंड कमाने के आरोप में ये गिरफ्तारियां की गई हैं। वहीं, विप्रो ने अपने बयान में कहा, ‘विप्रो कस्टमर्स का डेटा सुरक्षित और गोपनीय रखने को लेकर प्रतिबद्ध है। सिक्युरिटी को लेकर होने वाले उल्लंघन को लेकर हम जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। विप्रो इस मामले में हो रही जांच में अपने ग्राहक की हर तरह से मदद कर रहा है। हम जांच एजेंसियों को लगातार मदद करते रहेंगे। मामले में चल रही जांच की वजह से हम इस वक्त कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।”