दक्षिण कोरिया के शहर सियोल में शनिवार (7 जुलाई) को हजारों महिलाएं प्रदर्शन करने उतरीं। इन महिलाओं में सरकारी एजेंसियों के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा था। इन महिलाओं का आरोप है कि शहर में लगे खुफिया कैमरे इनके निजी पलों की तस्वीरें और वीडियो कैद कर लेते हैं। फिर कुछ लोग इन्हें वायरल कर देते हैं। महिलाओं ने कहा कि निजी जिंदगी के इन वीडियो का सार्वजनिक होने का अक्सर खतरा होता है, और उनकी जिंदगी भय और तनाव में गुजरती है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार से इसके खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि इस प्रदर्शन में तकरीबन 18 हजार महिलाएं शामिल हुईं। ये महिलाएं ऐसे मामलों की तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
प्रदर्शन के दौरान ज्यादातर महिलाओं ने अपना चेहरा बेसबॉल कैप, सनग्लासेज और सर्जिकल मास्क से ढक रखा था। महिलाओं ने दक्षिण कोरिया में खौफ में जी रही युवतियों के बारे में बताया। रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं अमूमन डर लगा रहता है कि बाथरूम में कैमरा ना लगा हो। शहर में बन गये खौफनाक माहौल की चर्चा करते हुए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि कई बार सबवे में ऐसी जगहों पर कैमरे लगे होते हैं कि युवतियों के स्कर्ट के अंदर की तस्वीरें खींची जा सकती हैं।
लाल टी-शर्ट पहनी ये प्रदर्शनकारी “गुस्सायी महिलाएं दुनिया बदल देंगी” का नारा लगा रही थीं। एक महिला ने कहा चलिए तब तक लड़ते रहें जबतक अवैध रिकॉर्डिंग के आखिरी बीज का खात्मा नहीं हो जाता है। एक महिला ने कहा कि वह कोई सेक्सुअल ऑब्जेक्ट नहीं है, बल्कि एक फर्स्ट रेट सिटीजन है। बता दें कि साउथ कोरिया का ऑनलाइन मीडिया ऐसे अश्लील वीडियो और फोटोज से भरा पड़ा है। 2004 से ही दक्षिण कोरिया की सरकार ने स्मार्टफोन निर्माताओं को निर्देश दे रखा है कि वे फोन में ऐसी सेटिंग करें कि फोटो खींचने पर जोर की शटर आवाज आए। ताकि कोई भी शख्स किसी की भी तस्वीर अगर बिना उसकी इजाजत के खींचने की कोशिश करे तो वह तुरंत पहचान में आए। हालांकि कई एप द्वारा इस साउंड को म्यूट किया जा सकता है।
