स्वीट्जरलैंड में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। जनमत संग्रह में यहां के 51.21 फीसद लोगों ने बुर्के पर रोक लगाने के पक्ष में मत दिया है। माना जा रहा है कि यहां अब इस पर कानून बनाया जा सकता है। एक महीने पहले यह प्रस्ताव लाया गया था। इसका लोगों ने विरोध किया तो स्विट्जरलैंड की सरकार ने जनमत संग्रह कराने का निर्णय किया। यह कानून बना तो यहां महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर पूरी तरह से मुंह ढंकने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
स्विस पीपुल्स पार्टी समेत अन्य समूहों ने अपने प्रस्ताव में कहीं भी इस्लाम का जिक्र नहीं किया था। इसके बावजूद यहां की मीडिया में इस प्रस्ताव को बुर्का प्रतिबंध कहा गया और इसे इस्लाम के खिलाफ माना गया। स्विट्जरलैंड की आबादी करीब 86 लाख है। इसमें 5.2 फीसद मुसलिम हैं।
सीएनएन के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक जगहों जैसे सार्वजनिक दफ्तर, सार्वजनिक परिवहन, रेस्त्रां, दुकान और अन्य जगहों पर महिलाएं अपना चेहरा पूरी तरह से नहीं ढंक सकेंगी। हालांकि, पूजा करने के स्थान और अन्य धार्मिक स्थानों पर इसकी छूट रहेगी।
बीमारी की रोकथाम और सुरक्षा कारणों के चलते भी महिलाएं बुर्का पहन सकेंगी और कॉर्निवल जैसी जगहों में भी महिलाओं को ऐसा करने की इजाजत होगी, जहां मुंह ढंकने का रिवाज सालों से चला आ रहा है। स्विट्जरलैंड की सरकार के प्रस्ताव में विदेश से आने वाले पर्यटक और अन्य लोगों को भी कोई छूट नहीं दी गई है।
इस साल की शुरुआत में लूसर्न विश्वविद्यालय के सर्वे में दावा किया था कि स्विट्जरलैंड में महिलाएं बुर्का नहीं पहनतीं। हालांकि, 30 फीसद महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर जाने के दौरान नकाब या हिजाब से चेहरा ढंकती हैं। बुर्का में पूरे शरीर को ढंका जाता है, जबकि नकाब या हिजाब से केवल चेहरा ढंका जाता है। फ्रांस ने 2011 में चेहरे को पूरी तरह से ढंकने पर बैन लगा दिया था। डेनमार्क, आॅस्ट्रिया, हॉलैंड और बुलगारिया में भी सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर रोक है।