थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को मंगलवार को उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया। यह फैसला देश की संवैधानिक अदालत ने एक गंभीर मामले की जांच के चलते लिया है। इसके बाद अब थाईलैंड के मंत्री सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका कार्यकाल बुधवार को पूरे दिन चलने वाला है।
सूर्या जुंगरुंगरेंगकिट ने पैटोंगटार्न शिनावात्रा की जगह ली। नेशन थाईलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड के इतिहास में यह पहली बार होगा कि एक प्रधानमंत्री को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक नया मंत्रिमंडल पद की शपथ ले रहा है।
पैटोंगटार्न शिनावात्रा को पद से सस्पेंड किया गया
थाईलैंड की पीएम को संवैधानिक कोर्ट ने पूर्व कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ लीक हुई फोन कॉल के मामले की जांच पेंडिंग रहने तक सस्पेंड कर दिया। शिनावात्रा को कंबोडिया के साथ हालिया सीमा विवाद से निपटने के लिए बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 28 मई को एक सैन्य टकराव शामिल था। इस संघर्ष में एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था।
फोन कॉल हुई लीक
इस बातचीत में शिनावात्रा और हुन सेन को थाईलैंड-कंबोडिया सीमा तनाव को हल करने और संघर्ष के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को कम करने के बारे में चर्चा करते हुए सुना गया। कई रिपोर्टों के अनुसार, शिनावात्रा ने फोन कॉल में हुन सेन को अंकल कहा। हुन सेन शिवात्रा के पिता थाकसिन के करीबी दोस्त हैं। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हुन सेन से यह भी कहा कि वह उन्हें बताएं कि वह क्या चाहते हैं और वादा किया कि वह इसे मैनेज करने की कोशिश करेंगी। इसकी वजह से उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद शिनवात्रा को माफी मांगनी पड़ी।
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आखिर क्या है थाईलैंड-कंबोडिया विवाद
शिनावात्रा पहले ही कंबोडिया के साथ सीमा विवाद को लेकर काफी आलोचना झेल रही थीं। यह 28 मई को और भी ज्यादा बढ़ गया, जब विवादित क्षेत्र में गोलीबारी हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया और सेल्फ डिफेंस का दावा किया। इस घटना ने लंबे समय से चले आ रहे क्षेत्रीय तनाव को फिर से भड़का दिया, हालांकि बाद में दोनों सरकारों ने तनाव कम करने का इरादा जताया।
इसके बाद भी जवाबी कार्रवाई जारी रही। थाईलैंड ने बॉर्डर पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इससे केवल जरूरी चीजों को ही बॉर्डर पार करने की इजाजत मिली। इशके बदले में कंबोडिया ने थाई मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया, फलों और सब्जियों के आयात को रोक दिया और थाई बिजली और इंटरनेट कनेक्शन का बहिष्कार किया। देश ने थाईलैंड से ईंधन आयात को भी निलंबित कर दिया। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा 800 किलोमीटर से ज्यादा है, लेकिन कुछ हिस्सों में अभी भी विवाद है। थाईलैंड पहुंचे PM मोदी ने क्या बड़ी बातें बोलीं?