Gen Z Protesting In Mexico: मेक्सिको में इस समय बवाल की स्थिति है। सैकड़ों नौजवान सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस के साथ उनकी झड़प हो रही है और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। असल में ‘Gen Z’ बैनर के तले हजारों युवा सड़कों पर डटे हैं और वर्तमान सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ सारा बवाल?
शुरुआत में यह विरोध प्रदर्शन शांत था, लेकिन मिचोआकेन के मेयर कार्लोस मंजो की हत्या के बाद विवाद और बढ़ गया। युवाओं का कहना है कि देश में व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। शनिवार को हजारों ‘हुडी’ पहने युवा राष्ट्रपति के निवास के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि करीब 120 लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर वे पुलिसकर्मी थे जो युवाओं को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
शुरुआत में यह प्रदर्शन एक ही समूह तक सीमित था, लेकिन धीरे–धीरे यह एक व्यापक प्रोटेस्ट बन गया। मेयर की हत्या में 17 साल के लड़के की गिरफ्तारी ने आग में घी डालने का काम किया।
मेक्सिको में क्यों हो रहा बवाल?
विरोध प्रदर्शन का आयोजन ‘Gen Z Mexico’ नाम का एक ग्रुप कर रहा है। ग्रुप का दावा है कि वह गैर–पक्षपाती है और सिर्फ उन मैक्सिकन युवाओं का समर्थन कर रहा है जो हिंसा, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से परेशान हो चुके हैं और न्याय चाहते हैं। विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति शीनबाम ने कहा कि “राइट–विंग” विचारधारा वाले कई लोग इस प्रदर्शन को हाईजैक कर चुके हैं। यहां तक दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर उपस्थिति दिखाने के लिए कई तरह के ‘बॉट्स’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।
युवाओं की क्या मांग है?
मेक्सिको में विरोध का बड़ा कारण राष्ट्रपति शीनबाम की सुरक्षा नीति बताई जा रही है। अक्टूबर 2024 तक उनकी लोकप्रियता करीब 70% थी, लेकिन अब लगातार गिर रही है। वजह-राज्य में लगातार होती हाई–प्रोफाइल हत्याएं। इसके ऊपर 1 नवंबर को एक और मेयर की हत्या ने गुस्से को और बढ़ा दिया। अब जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उनमें युवाओं की अलग-अलग मांगे हैं। कुछ डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं तो कुछ भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी सजा चाहते हैं।
नेपाल से क्यों हो रही तुलना?
मेक्सिको में हो रहे ये प्रदर्शन इसलिए भी चर्चाओं में हैं क्योंकि कुछ महीने पहले नेपाल में भी ‘जेनरेशन जस्टिस’ आंदोलन ने ऐसा माहौल बनाया था कि प्रधानमंत्री कप ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले बांग्लादेश में भी युवाओं के गुस्से ने हालात ऐसे पैदा किए कि शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा।
