पश्चिम बंगाल के हिंदू संहती के संस्थापक तपन घोष ने ब्रिटिश संसद में संबोधन के दौरान कुछ ऐसा कह दिया जिसकी वजह से अब बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा होता दिख रहा है। घोष ने पिछले हफ्ते ब्रिटेन में दो संसदीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था, इस कार्यक्रम का आयोजन ऑल पार्टी पार्लियामेंट ग्रुप फॉर ब्रिटिश हिंदूज़ के अध्यक्ष और सांसद बॉब ब्लैकमैन ने किया था। 18 अक्टूबर को नेशनल काउंसिल ऑफ़ हिन्दू टेम्पल्स (यूके) की ओर से दिवाली सेलिब्रेशन के लिए आयोजित ‘टॉलेरेटिंग द इनटोलेरेंट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में तपन घोष ने कहा था कि उन्होंने अपने राज्य में हिंदू समुदायों की को मुस्लिमों की हिंसा से बचाने के लिए ‘हिंदू रक्षा बल’ बनाया है। उन्होंने कहा था, ‘आपके देश में बेटियों को लड़कियों को बड़े होने से खतरा है, लेकिन हमारे देश में हमारी जमीन को धमकी दी जाती है और हमारे अस्तित्व को भी धमकाया जा रहा है।’ एशियन नेटवर्क के मुताबिक तपन घोष का कहना है कि वह इस्लामोफोबिक नहीं हैं।

मुस्लिमों को लेकर कही गई इन बातों की वजह से तपन घोष को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। लेबर पार्टी की सांसद नाज शाह का कहना है, ‘तपन घोष का नजरिया काफी बीभत्स है।’ कई सांसदों ने घोष के विचारों से किनारा कर लिया है। बता दें कि घोष ने पहले भी कहा था कि यूएन को मुस्लिमों की जन्मदर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।

होम सेक्रेटरी अंबर रूड और डी फैक्टो डिप्टी प्राइम मिनिस्टर दमियां ग्रीन ने भी इस कार्यक्रम को अटेंड किया था, लेकिन दोनों ने ही घोष के विचारों से दूरी बना ली है। हो सेक्रेटरी के ऑफिस की ओर से कहा गया है, ‘इस्लाम को लेकर घोष के जो भी विचार हैं, उनसे होम सेक्रेटरी सहमत नहीं हैं। होम सेक्रेटरी को दिवाली सेलिब्रेशन के लिए इस कार्यक्रम का निमंत्रण मिला था, लेकिन उनकी मिस्टर घोष से कोई भी बात नहीं हुई थी और ना ही वे उस वक्त वहां मौजूद थी जिस वक्त घोष ने संबोधित किया था।’ द टाइम्स के मुताबिक तपन घोष को कार्यक्रम में बुलाने के फैसले पर जब बॉब ब्लैकमैन से सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, ‘एक देश होने के नाते अतिवाद और कट्टरता से लड़ने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है कि दबे हुए अल्पसंख्यक की बात भी सुनी जाए।’