अफगानिस्तान के दक्षिणी हेलमंद प्रांत में एक जांच चौकी पर तालिबान से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने अपने सहकर्मियों पर गोलियां चला दी, जिसमें कम से कम 11 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। यह घटना सोमवार (27 फरवरी) रात की है जब इस प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुलिसकर्मी अपनी-अपनी बैरक में सो रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जांच चौकी के चारों ओर सभी पुलिसकर्मी खून से लथपथ पड़े थे। उनमें में कई को काफी नजदीक से गोली मारी गयी। यह हमला अफगान पुलिस के लिए एक बड़ा आघात है। एक प्रांतीय अधिकारी ने एएफपी से कहा, ‘तालिबान से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने अपने 11 सहकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद वो सभी हथियार और गोला बारूद लेकर फरार हो गया।’

पुलिस ने तालिबान घुसपैठिये को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने एएफपी को बताया कि लश्कर गाह के एक अस्पताल में 11 पुलिसकर्मियों के शव मिले हैं। अफीम से बर्बाद इस प्रांत के बड़े हिस्से को नियंत्रित करने वाले तालिबानी आतंकवादियों ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। गत वर्ष सितंबर में इसी तरह की घटना में दो अफगान सैनिकों ने उत्तरी कुंदुज प्रांत में कम से कम 12 सैनिकों की हत्या कर दी थी। दोनों सैनिकों के तालिबान से संबंध रखने का संदेह था।

काबुल: तालिबानी हमले में बाल-बाल बचे अफगान सांसद, 10 की मौत

काबुल में एक सांसद के घर को निशाना बनाकर किए गए हमले में कम से कम दस लोगों की मौत हो गई। मीडिया ने गुरुवार (22 दिसंबर) को यह जानकारी दी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह हमला बुधवार (21 दिसंबर) की शाम को हेलमंड के सांसद मीर वली के निवास पर किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, तीन हमलावरों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। उनमें से एक ने विस्फोटक से धमाका करके दूसरे बंदूकधारियों की गोलीबारी के लिए रास्ता बनाया। सांसद अपनी जान बचाकर निकलने में कामयाब रहे। आतंकियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच 13 घंटे की मुठभेड़ गुरुवार सुबह खत्म हुई। इसमें सभी हमलावर मारे गए। सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, मीर वली के परिवार के चार सदस्यों सहित सात लोग, कंधार के सांसद के पुत्र ओबेदुल्ला बरिकाजी और दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए हैं। क्राइसिस रिस्पांस यूनिट के सदस्य और विशेष बलों को घटना स्थल पर तैनात किया गया है। छिटपुट गोलीबारी की आवाज पूरी रात भर सुनाई देती रही।