सीरिया के प्रभावशाली विद्रोही समूह अहरार अल-शाम ने रूस और अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति विराम संधि को शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले खारिज कर दिया। पूर्व में अलकायदा से जुड़े रहे फतह अल-शाम फ्रंट के साथ काम करने वाले समूह में ऊंचा ओहदा रखने वाले एक सदस्य ने रविवार (11 सितंबर) को यू-ट्यूब पर जारी एक बयान में कहा कि यह संधि राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को मजबूत करने और नागरिकों की ‘पीड़ा को बढ़ाने’ का ही काम करेगी। सीरिया की लड़ाई में जमीनी स्तर पर प्रभावशाली मौजूदगी रखने वाला इस्लामी चरमपंथी अहरार अल-शाम ऐसा पहला समूह है, जिसने जिनेवा में मैराथन वार्ताओं के बाद शुक्रवार (9 सितंबर) को हुई संधि पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया दी।

समूह के उपनेता अली अल-उमर ने मुस्लिम पर्व ईद अल-अजहा के अवसर पर यू ट्यूब पर डाले वीडियो में कहा, ‘लोग आधे-अधूरे हल स्वीकार नहीं कर सकते। रूसी-अमेरिकी संधि हमारे लोगों के बलिदानों और उपलब्धियों को स्वाहा कर देगी। यह सिर्फ शासन को मजबूत करने और क्रांति के सैन्यीकरण का ही काम करेगी।’ उमर ने संधि के उस पहलू को भी खारिज कर दिया, जिसके अनुसार, वॉशिंगटन ने मुख्यधारा के विपक्षी लड़ाकों को फतह अल-शाम से गठबंधन तोड़ने के लिए राजी करना था।