हाल ही में सीरिया में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क में घुसकर असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत कर दिया। रूस की समाचार एजेंसियों की खबरों के अनुसार सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपने परिवार के साथ रूस में शरण ली है। सालों पहले अलकायदा से नाता तोड़ने वाला अबू मोहम्मद अल-गोलानी सबसे बड़े विद्रोही गुट का नेता है और वह अब देश के भविष्य की दिशा तय करेगा।
असद के करीबी सहयोगी रहे रूस ने कहा कि असद ने विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद देश छोड़ दिया और उन्होंने शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए थे। लगभग 14 सालों के सीरियाई गृहयुद्ध के बाद, विद्रोहियों को सत्ता पर कब्ज़ा करने में 14 दिनों से भी कम समय लगा। इस सबके बीच आइये जानते हैं सीरिया में कैसे बदले हालात और क्यों राष्ट्रपति असद को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा?
27 नवंबर: सीरियाई गृहयुद्ध के 14 साल से ज़्यादा समय बीतने के बाद, सशस्त्र विपक्षी समूहों ने उत्तर-पश्चिमी सीरिया में सरकारी बलों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हमला किया। उनका नेतृत्व हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने किया जो अल-कायदा की एक शाखा है जो बाद में उग्रवादी समूह से अलग हो गई। विपक्षी बलों ने लगभग सभी अलेप्पो और इदलिब प्रांतों पर नियंत्रण कर लिया।
यह हमला कई हफ़्तों तक चली हिंसा के बाद हुआ है। विपक्षी समूहों के एक प्रमुख समर्थक तुर्की का कहना है कि विद्रोहियों ने शुरू में हमलों के ख़िलाफ़ सीमित आक्रमण शुरू किया था लेकिन जैसे-जैसे सरकारी सेनाएं पीछे हटने लगीं, यह बढ़ता गया।
29 नवंबर: विद्रोही सीरिया के सबसे बड़े शहर अलेप्पो में घुसे, 2016 में गृहयुद्ध के दौरान उन्हें खदेड़ दिया गया था। उस समय सीरियाई सरकारी बलों को रूस और ईरान का समर्थन प्राप्त था। इस बार उन्हें बहुत कम प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
30 नवंबर: विद्रोहियों ने कहा कि अलेप्पो पर उनका नियंत्रण है, उन्होंने शहर के गढ़ पर झंडा फहराया और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया, जबकि सीरियाई सशस्त्र बलों ने दावा किया कि उन्होंने सैनिकों को पुनः तैनात कर दिया है।
1 दिसंबर: सीरियाई सेना ने इदलिब और अलेप्पो पर सैनिकों और हवाई हमलों के साथ जवाबी हमला किया। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची के राजधानी दमिश्क का दौरा करने और समर्थन का आश्वासन देने के बावजूद, सीरियाई सरकार को विदेशी सहयोगियों से बहुत कम मदद मिली।
2 दिसंबर से 4 दिसंबर: विद्रोही दक्षिण की ओर बढ़े और हामा शहर के 10 किलोमीटर के भीतर तक पहुंच गए जबकि रूसी हवाई हमलों से सरकार को कुछ क्षेत्र पर पुनः कब्जा करने में मदद मिली।
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5 दिसंबर: विद्रोही हमा में घुस आए और अस्सी स्क्वायर में जश्न मनाते देखे गए, जो 2011 के विद्रोह के शुरुआती दिनों में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों का स्थल था।
6 दिसंबर: विद्रोहियों ने आगे बढ़ते हुए सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के बाहरी इलाकों में स्थित कस्बों पर कब्ज़ा कर लिया।
7 दिसंबर: राष्ट्रपति असद के देश छोड़कर भागने की खबरों के बीच होम्स पर कब्जा हो गया, जिसे विद्रोहियों ने लड़ाई का अंतिम चरण बताया।
8 दिसंबर: सीरियाई सरकारी टेलीविजन ने कुछ लोगों के एक समूह का वीडियो बयान प्रसारित किया जिसमें कहा गया कि असद को उखाड़ फेंका गया है और सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है। एचटीएस कमांडर अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने दमिश्क में उमय्यद मस्जिद का दौरा किया और असद के पतन को इस्लामिक राष्ट्र की जीत बताया। बाद में रूसी सरकारी समाचार एजेंसियों ने बताया कि असद और उनका परिवार मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी गई है। सीरिया के वर्तमान हालात से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग।
(एपी इनपुट्स के साथ)