सीरिया में तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भागकर रूस में शरण ली है। इस बीच इजरायल ने सीरिया से लगते गोलान हाइट्स के एक बड़े इलाके पर कब्जा बढ़ा दिया है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में रविवार को कैबिनेट ने 11 मिलियन डॉलर के फंड को मंजूरी दी है। इसके तहत गोलान हाइट्स में कॉलोनी बसाई जाएंगी, उद्योगों को विकसित किया जाएगा और एक स्टूडेंट विलेज भी बनाया जाएगा और नए नागरिकों को बसाया जाएगा। इसके जरिए वहां यहूदियों की आबादी में इजाफा किया जाएगा ताकि संतुलन स्थापित हो सके।
बशर अल-असद शासन के पतन के बाद जब इजरायली सेना ने अल्फा लाइन को पार करते हुए सीरिया के हिस्से वाले बफर जोन और माउंट हरमोन पर कब्जा कर लिया था। इजरायल ने उस समय इसे अस्थायी कहा था लेकिन ऐसा लगता है कि इजरायली सेना सीरिया में लंबे समय तक बने रहने की योजना बना रही है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने सेना को आने वाले सर्दियों के महीने के दौरान सीरियाई हिस्से में माउंट हरमोन की चोटी पर बने रहने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।
गोलान हाइट्स में खुद को ताकतवर बना रहा इजरायल
नेतन्याहू ने कैबिनेट मीटिंग के बाद कहा कि गोलान हाइट्स में खुद को ताकतवर बनाना इजरायल को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इस समय यह बेहद जरूरी है। हम अपने इस एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे। इजरायल का कहना है कि यह प्लान फिलहाल उसके नियंत्रण वाले इलाके के लिए ही है।
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गौरतलब है कि इजरायल ने 1967 की जंग में गोलान हाइट्स के इलाके को जीता था। यह जंग उसने सीरिया समेत अरब के कई देशों के खिलाफ अकेले ही लड़ी थी। ज्यादातर अरब देश इजरायल की ओर से कब्जा किए गए इस इलाके को मंजूरी नहीं देते हैं लेकिन अमेरिका की ओर से 2019 में इसे इजरायली इलाके के तौर पर मंजूरी दे दी गयी थी।
इजरायल का सीरिया पर हमला
वहीं, दूसरी ओर बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद से सीरिया पर हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा है। एचटीएस ने सीरिया की कमान मार्च 2025 तक मोहम्मद बशीर को सौंप दी है। उन्हें सीरिया का कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। इस बीच इजरायल ने सीरिया पर हमले तेज कर कर दिए हैं। पिछले 7 दिन में इजरायल सीरिया में सैंकड़ों हवाई हमले कर चुका है। वहीं, पिछले 12 घंटे में 60 से ज्यादा हमले किए गए हैं। इनमें ज्यादातर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इजरायली हमलों का जवाब देते हुए एचटीएस के नेता ने कहा कि उन्होंने इजरायल को चेतावनी दी है वे अब और युद्ध नहीं चाहते। पढ़ें- सीरिया से लौटे 77 भारतीयों ने सुनाई दर्द की दास्तान