दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत ने सूडान के राष्ट्रपति उमर अल बशीर के देश से जाने पर रविवार को अस्थाई रोक लगा दी। उससे पहले अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने जोहानिसबर्ग में सम्मेलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार किए जाने की बात कही थी।

दारफूर क्षेत्र में कथित युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और जनसंहार को लेकर वांछित बशीर उन देशों की यात्रा करते हैं जो आइसीसी से नहीं जुड़े हैं। लेकिन दक्षिण अफ्रीका इस अदालत की संविधियों का हस्ताक्षरकर्ता है। प्रीटोरिया हाई कोर्ट ने अपने एक बयान में कहा कि जबतक इस अदालत से आदेश पारित नहीं किया जाए तबतक के लिए वह प्रतिवादियों को राष्ट्रपति उमर अल बशीर को देश से जाने से रोकने के लिए बाध्य कर रहा है।

यह आदेश तब आया जब ‘साउदर्न अफ्रीकन लिटिगेशन सेंटर’ ने बशीर की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन को बाध्य करने के लिए अदालत में तत्काल आवेदन दिया। बशीर अपनी गिरफ्तारी के आह्वान के बावजूद सम्मेलन में नेताओं की सामूहिक फोटोग्राफी में शामिल हुए।

दूसरी ओर खारतूम से मिली खबर के मुताबिक, सूडानी राष्ट्रपति उमर अल बशीर के दक्षिण अफ्रीका छोड़ने पर अदालत के रोक लगाए जाने के बावजूद सूडान ने इस बात पर बल दिया है कि सम्मेलन के लिए उनकी जोहनिसबर्ग यात्रा सामान्य ढंग से आगे बढ़ रही है और वे उसकी मुख्य बैठक के बाद लौट आएंगे।

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने बशीर की गिरफ्तारी की बात कही जो दारफूर संघर्ष में कथित युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और जनसंहार को लेकर वांछित हैं। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत ने बशीर के देश छोड़ने पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी।

सूडान के विदेश राज्यमंत्री कमाल इस्माइल ने कहा, ‘राष्ट्रपति बशीर के कार्यक्रम का ब्योरा देना मुश्किल है। लेकिन जब मुख्य सत्र समाप्त हो जाएगा तब वे लौट आएंगे। यह आज या कल हो सकता है। मैं ब्योरे में नहीं जाना चाहूंगा’। उन्होंने पत्रकार सम्मेलन में कहा, ‘अबतक, चीजें सामान्य हैं और महामहिम राष्ट्रपति को कोई जोखिम नहीं है’।