श्रीलंका में आर्थिक संकट के प्रचंड होने के बाद प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर चुके हैं। पीएम रानिल विक्रमसिंघे के निजी घर को जलाया जा चुका है। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कहां हैं। वो 5 जुलाई से गायब हैं। कुछ रिपोर्टों में गोटबाया के सूटकेस लेकर भागने की खबर है। लेकिन ये पता नहीं है कि फिलहाल वो कहां पर हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति को कोलंबो एयरपोर्ट पर बेइज्जती का सामना करना पड़ा था। इमीग्रेशन स्टाफ ने उन्हें देश छोड़कर जाने की अनुमति नहीं दी। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था। और ऐसा माना जा रहा है कि वो गिरफ्तारी से पहले देश छोड़कर जाना चाहते थे। लेकिन एयरपोर्ट प्रकरण के बाद वो समुद्र के रास्ते भागना चाहते थे। वो नेवी की पेट्रोलिंग बोट के जरिए बाहर जाना चाहते थे।

भाई को भी होना पड़ा शर्मसार

प्रदर्शनकारियों के डर से राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे विदेश फरार होना चाहते थे लेकिन एयरपोर्ट कर्मचारियों ने इसका जोरदार विरोध किया जिससे उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बासिल राजपक्षे कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जैसे ही पहुंचे वैसे ही एयरपोर्ट के इमीग्रेशन स्टाफ और यूनियन ने बीती रात कामकाज बंद कर दिया और उनका विरोध करने लगे। कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की। बासिल राजपक्षे सिल्क रूट का इस्तेमाल करके श्रीलंका से बाहर जाना चाहते थे। वो अमेरिकी नागरिक भी हैं।

70 फीसदी बजट पर था राजपक्षे परिवार का कंट्रोल

अप्रैल तक श्रीलंका में सरकार में राजपक्षे परिवार के पांच लोग शामिल थे। इनमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे, सिंचाई मंत्री चामल राजपक्षे और खेल मंत्री नामल राजपक्षे थे। एक समय श्रीलंका के नेशनल बजट के 70% पर इन राजपक्षे भाइयों का सीधा कंट्रोल था। राजपक्षे परिवार पर 5.31 अरब डॉलर यानी 42 हजार करोड़ रुपए अवैध तरीके से देश से बाहर ले जाने का आरोप है। इसमें महिंदा राजपक्षे के करीबी अजित निवार्ड कबराल ने अहम भूमिका निभाई थी, जो सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर थे।

गौरतलब है कि श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों का विरोध लगातार जारी है। इस बार सभी प्रदर्शनकारी आर-पार के मूड में दिख रहे हैं और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के घरों में डेरा डाले हुए हैं। इन सभी का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती तब तक हमलोग यहां से हटने वाले नहीं है। वहीं इन सबके बीच श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) ने सोमवार को सर्वसम्मति से साजिथ प्रेमदासा को अंतरिम राष्ट्रपति पद के लिए नामित करने का फैसला किया है। वहीं श्रीलंका की संसद में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा।