श्रीलंका के कुछ तमिल राष्ट्रवादियों के यह विश्वास करने पर कि वेलुपिल्लई प्रभाकरण अब भी जिंदा हो सकता है, तमिल नेशनल एलायंस के एक नेता ने कहा है कि लिट्टे सुप्रीमो के नाम की सूचना लापता व्यक्तियों के नए स्थापित कार्यालय (ओएमपी) को सूचना दी जा सकती है। उत्तरी प्रांतीय परिषद के सदस्य एम शिवाजीलिंगम ने स्थानीय रेडियो क्रेंद्र नेथ एफएम से कहा कि वह सरकार द्वारा स्थापित ओएमपी को प्रभाकरण के नाम की सूचना देने को इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ‘यदि उसकी बहन या भाई इसे ओएमपी को सूचित करवाना चाहता है, तो मैं उनकी ओर से आगे आने को इच्छुक हूं।’ प्रभाकरण (54) के उत्तरी मुल्लैथिवू जिले के मुलैवैक्काल में 19 मई, 2009 को सरकारी सुरक्षाबलों द्वारा मारे जाने की घोषणा की गई थी।
प्रभाकरण ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के प्रमुख के रूप में श्रीलंका के तमिलों के वास्ते अलगाववादी लड़ाई की अगुवाई की थी। सिर में घातक प्रहार वाले शव की बरामदगी करीब ढाई दशक के गृहयुद्ध की समाप्ति का प्रतीक थी क्योंकि बाकी लिट्टे उग्रवादियों ने सरकारी सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। हालांकि अब भी कुछ तमिल राष्ट्रवादी कट्टरपंथी सरकार की बातों पर हमेशा संदेह करते और मानते हैं कि प्रभाकरण वर्ष 2009 में आखिर लड़ाई क्षेत्र से फरार होकर जिंदा हो सकता है।
