श्रीलंका सरकार सदन को संविधान सभा में बदलने के लिए अगले महीने संसद में एक प्रस्ताव लाने वाली है जो राष्ट्रपति शासन प्रणाली समाप्त करने और नया संविधान बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने सदन को संविधान सभा में बदलने के संबंध में संसद को नोटिस भेजा है और संसदीय कार्य-पुस्तिका में नए साल की आगामी कार्य सूची में पेश किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नौ जनवरी को संसद को संविधान सभा में बदल दिया जाएगा जब राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना सदन को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के रूप में सिरीसेना के कार्यकाल का दूसरा साल शुरू हो रहा है। प्रस्तावित संविधान सभा नए संविधान पर लोगों के विचार और सलाह मांगेगी। नया संविधान 1978 से लागू मौजूदा संविधान की जगह लेगा। नए संविधान में कार्यकारी राष्ट्रपति की प्रणाली भंग किया जाएगा। इसमें एक नई चुनाव प्रणाली लाई जाएगी और तमिल मुद्दे के हल के लिए नए संवैधानिक प्रावधान किए जाएंगे। सिरीसेना जब इस साल के जनवरी में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में खड़े हुए थे तो उन्होंने राष्ट्रपति प्रणाली खत्म करने का संकल्प किया था।
गौरतलब है कि 1994 के बाद से विपक्ष और सरकार ने राष्ट्रपति प्रणाली खत्म करने और उसकी जगह प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का संकल्प किया। सिरीसेना के नेतृत्व वाली यूनिटी सरकार नए संविधान में तमिल बहुत क्षेत्रों को सत्ता के हस्तांतरण कर तमिल अल्पसंख्यकों की चिंताओं का भी समाधान करना चाहती है।
