श्रीलंका में गुरुवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। ये चुनाव देश के नए राष्ट्रपति के लिए आर्थिक सुधार के वादों को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। श्रीलंका में 21 सितंबर 2024 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अनुरा कुमारा दिसानायके को जीत हासिल हुई थी लेकिन वह 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने में विफल रहे थे।
जिसके बाद राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही दिसानायके ने संसद भंग कर नवंबर में मध्यावधि चुनाव के आदेश दे दिए थे। दिसानायके अपने भ्रष्टाचार विरोधी जवाबदेही सुधारवादी कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत संसद की वकालत कर रहे हैं। अगर, उनकी पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) को 225 सदस्यीय संसद पर नियंत्रण पाना है तो उन्हें चुनाव में कम से कम 113 सीट पर जीत हासिल करनी होगी। इस चुनाव में 690 राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवार श्रीलंका के 22 चुनावी जिलों में सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही है।
दिसानायके के नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के पास वर्तमान में 225 संसदीय सीटों में से केवल तीन हैं। ऐसे में उन्होंने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नए सिरे से जनादेश की मांग करते हुए, अपने कार्यकाल की समाप्ति से लगभग एक साल पहले संसद को भंग कर दिया।
श्रीलंका के आर्थिक संकट के बाद पहला संसदीय चुनाव
श्रीलंका के आर्थिक संकट में फंसने के बाद यह पहला संसदीय चुनाव होगा। लगभग गृह-युद्ध जैसी स्थितियों और महीनों के सार्वजनिक विरोध के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को भागना पड़ा था। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर 22 जिलों से 196 सदस्यों का चुनाव किया जाना है।
सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके से हारने वाले विक्रमसिंघे 1977 के बाद पहली बार संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राजपक्षे भाई – महिंदा, गोटबाया, चामल और बासिल भी दशकों के लंबे प्रतिनिधित्व के बाद यह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे स्थान पर थे साजिथ प्रेमदासा
एनपीपी का गठन 2019 में किया गया था और यह श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में अपेक्षाकृत नया दल है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके कई उम्मीदवार राजनीति में नए चेहरे हैं और इनका मुकाबला देश के अन्य पुराने दलों के उम्मीदवारों से हैं। राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे साजिथ प्रेमदासा और उनकी पार्टी ‘यूनाइटेड पीपुल्स पावर’ एनपीपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है ऐसे में ये चुनाव देश की दिशा और दशा निर्धारित करने के लिहाज से काफी अहम हैं। कुल 8,821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जा सकते हैं।
(इनपुट- पीटीआई)