श्रीलंका में मूसलाधार बारिश के बाद आई भयंकर बाढ़ एवं भूस्खलनों के कारण कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई तथा 127 अन्य लापता है। देश में पिछले 25 साल में पहली बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तथा ऐसे में भारतीय नौसेना के दो जहाज राहत सामग्री लेकर शनिवार (21 मई) यहां पहुंचे। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय राहत जहाज आईएनएस सुनयना कोच्चि से सामान लेकर (21 मई) कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार (20 मई) रात भारत ने फूलने वाली विशेष प्रकार की नौकाएं, गोताखोरी के उपकरण, चिकित्सा सामग्री, बिजली जेनरेटर, स्लीपिंग बैग जैसी राहत सामग्रियों से लदे नौसेना के दो जहाज- आईएनएस सुनयना और निगरानी जहाज आईएनएस सतलुज तथा एक सी-17 विमान भेजा।
विमान में 700 टेंट, 1000 तिरपाल, 10 इलेक्ट्रिक जेनेरेटर, 100 आपात लैंप, 10 हजार लोगों के लिए महामारी के विरूद्ध दवाइयां, टॉर्च, बरसाती कोट, छाते, मैट्रेस, आदि थे। श्रीलंका के अधिकारियों ने इन चीजों को प्राथमिक राहत सामग्री बताया है। भारतीय उच्चायुक्त ने यहां एक बयान में कहा, ‘श्रीलंका का भारतीयों के दिलो-दिमाग में विशेष स्थान है और भारत की आपात राहत सहायता हमारी स्थायी मित्रता की झलक है। भारत श्रीलंका के साथ अपनी विकास साझेदारी के तहत प्रभावित लोगों की दीर्घकालिक पुनर्वास जरूरत को पूरा करने के लिए श्रीलंका सरकार के साथ मिलकर काम करता रहेगा।’
श्रीलंका के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र ने शनिवार (21 मई) कहा कि भूस्खलन त्रासदी स्थल अरनायके में कम से कम 127 लोग अब भी लापता हैं। राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने श्रीलंकाइयों से बाढ़ प्रभावित को आश्रय, नकद या भोजन प्रदान करने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा, ‘खाद्यान्न, कपड़े और राशन के दान के साथ ही प्रभावित लोगों के प्रति भारी सहानुभूति दिख रही है।’ श्रीलंका के 22 जिलों में 3,75,604 लोग विस्थापित हैं। देश को अंतरराष्ट्रीय सहायता मिलने लगी है। करीब 300,000 लोग लगभग 500 सरकारी राहत केंद्रों में रह रहे हैं।
इसी बीच जापान ने जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी के माध्यम से कंबल, पानी के टैंक, जलशुद्धि वाले उपकरण, जेनरेटर, इलेक्ट्रिकल केबल समेत आपात राहत सामग्री भेजी है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार यूनीसेफ के माध्यम से 500,000 डॉलर का योगदान करने वाली है। नेपाल ने 100,000 डॉलर के योगदान की घोषणा की है। अमेरिका ने सुरक्षित पेय जल के वास्ते मदद पहुंचाने के लिए तीन साल के लिए 10 लाख डॉलर वाले एक कार्यक्रम की पेशकश की है।
राजधानी के निचले इलाकों से करीब एक तिहाई लोग हटा लिए गए हैं। राजधानी की जनसंख्या 650,000 है। सबसे अधिक प्रभावित जिला केगाल्ले है जो कोलंबो के उत्तरपूर्व में 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां दो भूस्खलनों में मरने वालों की संख्या 39 हो गई है।