Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में कोरोना काल के बाद से लगातार आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) बढ़ता ही जा रहा है। देखते ही देखते स्थिति इतनी बुरी हो गई है कि लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज होना पड़ रहा है। श्रीलंका की तबाही के पीछे कोई और नहीं बल्कि उनकी सरकार की नीतियां हैं। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि वहां की महिलाओं को बच्चों के भोजन के लिए अपना जिस्म तक बेचना पड़ रहा है। जब श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से इस बात की जानकारी मीडिया के सामने आई तो सबके होश उड़ गए।

कोलंबो के भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब एक नॉन इंडस्ट्रियल एरिया के पास एक आयुर्वेदिक स्पा का विज्ञापन छपा था। जहां पर काम करने वाली एक 33 वर्षीय महिला बताती है कि श्रीलंका की गंदी राजनीति करने वाली इस सरकार ने हमारे जीवन को तबाह और बर्बाद करके रख दिया है। मेरे बच्चों को शाम तक पेट भरने के लिए बस यही आखिरी उम्मीद बची है।

जनवरी से अब तक जिस्मफरोसी में 30 फीसदी महिलाएं बढ़ीं: उस महिला ने आगे बताया, कि पिछले दो सप्ताह से वो अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपना जिस्म बेच रही है। ऐसा सिर्फ श्रीलंका सरकार की गलत नीतियों की वजह से हो रहा है जिसकी वजह से आज पूरा देश बुरे आर्थिक संकट में फंस गया है। एक सर्वे में बताया गया है कि जनवरी 2022 के बाद से श्रीलंका में जिस्म के बाजार में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।

जिस्मफरोशी के धंधे में तुरंत मिल जाता है पैसा: अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ‘द टेलीग्राफ’ के मुताबिक एसयूएमएल की कार्यकारी निदेशक आशीला डांडेनिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, ‘श्रीलंका में आए आर्थिक संकट से लोग इतने परेशान हैं कि वे परिजनों की मदद करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। श्रीलंका के बचे हुए व्यवसायों में से ये एक व्यवसाय है जो तुरंत ही पैसा उपलब्ध करवा देता है, लेकिन कोई भी अपने परिवार को ये नहीं बताना चाहता है कि वे क्या काम कर रहे हैं।’

कमांडो बना जिगोलो: हिन्दी न्यूज वेबसाइट दैनिक भास्कर के मुताबिक, कभी श्रीलंकाई सेना में कमांडो रहे शान ने पैसों की खातिर सेक्सवर्कर का काम शुरू किया। 38 वर्षीय शान कभी श्रीलंका की सेना में कमांडो हुआ करते थे। पैसा कमाने के लालच से सेना की नौकरी छोड़ी और फिर कई देशों में भटकते रहे। इस बीच कोरोना की वजह से वापस घर लौटना पड़ा और तब तक यहां भी हालात बद से बदतर बन चुके थे। अब पैसे कमाने के लिए इसके अलावा और कोई जरिया नहीं बचा था।

रोजगार की तलाश में युवा महिलाएं पहुंच रही हैं कोलंबो: इन महिलाओं को कृषि रोजगार में भी मौका नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि पिछले साल देश में कृषि पैदावार में 50 फीसदी तक की गिरावट आई थी, जिसके बाद राजपक्षे सरकार ने मई 2021 में अचानक से रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसकी वजह से देश में कृषि के लिए भूमि का एक बड़ा हिस्सा बेकार पड़ा है। ऐसी स्थिति में ये महिलाएं अपने रोजगार की तलाश में युवा महिलाएं कोलंबो पहुंच रही हैं। इन महिलाओं को रोजगार देने के नाम पर कोलंबो की एक मशहूर जगह कटुनायके में चांदी के ऊंचे गेट पर मेला लगता है जहां करीब 1,000 महिलाएं इकट्ठा होती हैं।

भाग्यशाली महिलाओं को ही मिल पाता है सम्मान जनक काम: आशीला डांडेनिया ने आगे बताया, ‘रोजगार के लिए आई इन महिलाओं में से जो भाग्यशाली होती हैं उन्हें किसी कारखाने या कंस्ट्रक्शन वाली जगहों पर काम मिल जाता है लेकिन बाकी बची महिलाओं को जिस्मफरोशी के धंधे के दलाल ले जाते हैं और उनकी परिस्थिति का फायदा उठाकर उनका शोषण किया जाता है। ये लोग आसानी से इन बेरोजगार महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाते हैं।’

स्थानीय पुलिसवाले भी करते हैं सेक्सवर्कर्स का शोषण: रोजगार की तलाश में कोलंबो पहुंची इन महिलाओं से स्पा में मालिश के लिए कहा जाता है और काम के बाद उनका शोषण किया जाता है। श्रीलंका में आई आर्थिक तबाही के बाद यहां सक्रिय जिस्म के दलाल लगातार ऐसी महिलाओं को अपना निशाना बनाने की ताक में बैठे रहते हैं। श्रीलंका में वेश्यावृत्ति अभी अवैध है,इसलिए यहां पर वेश्यालय स्पा सेंटर के नाम से खुले हैं। हालांकि यहां की स्थानीय पुलिस को इसके बारे में जानकारी होती है, लेकिन वेश्यालयों से उनके लिए भी एक मोटी रकम हर महीने भुगतान की जाती है। इसके अलावा यहां काम करने वाली सेक्स वर्कर्स को पुलिस वालों के साथ भी रात गुजारने के लिए मजबूर किया जाता है