भ्रष्टाचार के एक स्कैंडल के चलते महाभियोग का सामना करने वाली दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क गुन-हे ने एक मामले में सुनवाई के लिए पेश होने से इनकार कर दिया है। इस सुनवाई के जरिए ही उनके भविष्य का फैसला होना है। पार्क के इनकार की वजह से संवैधानिक अदालत को मौखिक दलीलों की शुरुआत में देरी करने के लिए विवश होना पड़ा। पार्क की ओर से मंगलवार (3 जनवरी) को पेश होने से इनकार कर दिए जाने पर नौ न्यायाधीशों की अदालत ने उन्हें गुरुवार (5 जनवरी) को पेश होने के लिए कहा है। उनके इनकार की सांसदों ने आलोचना की है। ये सांसद राष्ट्रपति के महाभियोग की सुनवाई के दौरान अभियोजकों का काम कर रहे हैं।
अदालत का कहना है कि वह पार्क को सुनवाई में पेश होने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। हालांकि यदि वह दूसरी बार पेशी से इनकार करती हैं तो कानून के तहत उनके बिना ही सुनवाई की जा सकती है। सांसदों ने पिछले माह पार्क पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया था। पार्क पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एक करीबी सहयोगी के साथ मिलकर कंपनियों से धन और अहसान लिए और अपनी सहेली को सरकारी मामलों में हेर-फेर करने दिया।