दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दक्षिण कोरिया की संसद ने उनके खिलाफ महाभियोग लाने के लिए मतदान किया है। यह प्रस्ताव नेशनल असेंबली में 204-85 वोट से पारित हो गया है। राष्ट्रपति यून सुक योल मार्शल मार्शल लॉ लाने के बाद घिर गए थे। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, अब न्यायालय के पास यह तय करने के लिए 180 दिन का समय है कि राष्ट्रपति यून सुक योल को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या उनकी शक्तियों को बहाल किया जाए। अगर उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए राष्ट्रीय चुनाव 60 दिनों के भीतर होना चाहिए।
देश नहीं छोड़ सकते
समाचार एजेंसी के अनुसार उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि कानून प्रवर्तन अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि क्या उन्होंने और मार्शल लॉ की घोषणा में शामिल अन्य लोगों ने अन्य अपराधों के अलावा विद्रोह और सत्ता का दुरुपयोग किया है। राष्ट्रपति के रक्षा मंत्री, पुलिस प्रमुख और सियोल की मेट्रोपॉलिटन पुलिस एजेंसी के प्रमुख को इस मामले में उनकी भूमिका के लिए पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। एपी ने बताया कि अन्य वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारियों की भी जांच जारी है।
द्वारा मार्शल लॉ डिक्री घोषित करने के बाद क्या हुआ?
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक कानून घोषित करने के बाद राष्ट्रपति ने अपने सैनिकों और पुलिस कर्मियों को संसद में भेजा ताकि डिक्री पर मतदान में बाधा डालने की कोशिश की जा सके, लेकिन संसद द्वारा इसे अस्वीकार किए जाने के बाद उन्हें वापस ले लिया गया।
विपक्षी दलों ने तब यून पर विद्रोह का आरोप लगाया था, जबकि कहा गया था कि कानून के अनुसार, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति को केवल युद्ध के समय या इसी तरह की आपात स्थितियों के दौरान ही मार्शल लॉ घोषित करने की अनुमति है और इसके तहत भी संसद के संचालन को निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है। महाभियोग प्रस्ताव में आरोप लगाया गया था कि यून ने देश को दंगों की आग में डालने का काम किया।