South Korea Martial Law: दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगा दिया गया है, राष्ट्रपति यून सुक-योल ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए अचानक से मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया है। इस वजह से पूरे देश में पैनिक जैसी स्थिति बन चुकी है, खबर तो यह भी है विपक्ष के कई नेता इस समय हिरासत में ले दिए गए हैं, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं।
बड़ी बात यह है राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती देने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी ने संसद में एक बिल इस मार्शल लॉ के खिलाफ पारित कर दिया है। ऐसे में कानूनी जानकारों का मानना है कि राष्ट्रपति को हर कीमत पर अपने फैसले को अब वापस लेना पड़ेगा। लेकिन दक्षिण कोरिया की सेना ने भी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया दी है, उनका साफ कहना है ऐसी तमाम राजनीतिक सभाएं और संसद को अभी के लिए निलंबित कर दिया जाएगा जो सामाजिक भ्रम पैदा करने की कोशिश करेंगी। अब जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले 1980 में भी दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगा था, अब इतने सालों बाद फिर वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है।
समझने वाली बात यह भी है कि मार्शल लॉ लगने के बाद से ही सेना ने अपने हाथ में ताकत ले ली है और कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी झड़प हुई है। इस पूरे विवाद पर अमेरिका की तरफ से भी पहली प्रतिक्रिया आ गई है। उनका दो टूक कहना है कि साउथ कोरिया की तरफ से पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी, ऐसे में वहां के हालातों को लेकर वे काफी चिंतित हैं।
साउथ कोरिया की मिलिट्री ने तो साफ शब्दों में कह दिया है जब तक राष्ट्रपति खुद इस मार्शल लॉ को नहीं हटा देते किसी भी कीमत पर इस फैसले से पीछे नहीं जाया जाएगा, यानी की सेना संसद में पारित बिल को भी अब स्वीकार नहीं करने वाली है।
वैसे राष्ट्रपति यून को शायद पहले से अंदाजा था कि मार्शल लॉ का ऐलान करने के बाद स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में जिस समय वे संसद से देश के नाम संबोधित दे रहे थे, भारी संख्या में सुरक्षा बल पहले से तैनात था। उम्मीद के मुताबिक जैसे ही ऐलान के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, सेना ने कमान अपने हाथों में ली। हैरानी की बात यह रही संसद के ऊपर मिलिट्री हेलिकॉप्टर भी गश्त लगाते दिख गए। एक तरफ संसद में अगर सेना की ताकत दिख रही थी तो सड़कों पर इस तानाशाही को खत्म करने की अपील हो रही थी।
जानकारी के लिए बता दें कि जब राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने का फैसला किया, उनकी तरफ से कई मुद्दों पर विस्तार से बात की गई। उन्होंने कहा था कि मैं दक्षिण कोरिया को अब उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से बचाने के लिए, देश विरोधी तत्वों को जड़ से खत्म करने के लिए इमरजेंसी मार्शल लॉ (Emergency Martial Law) की घोषणा करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं इस कदम को देश की स्वतंत्रता और संवैधानिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी मानता हूं। राष्ट्रपति यहीं नहीं रुके, उन्होंने दावा कर दिया कि देश को पंगु बनाने की साजिश रची जा रही है। संबोधन की और बातें जानने के लिए यहां क्लिक करें