राष्ट्रपति पार्क गुन हे के खिलाफ गुरुवार (8 दिसंबर) को दक्षिण कोरिया की संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें पदच्युत करने के लिए अभी मतदान भी होना है। भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर उठे विवाद के चलते पार्क का प्रशासन ठप्प हो गया है। इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को नेशनल असेंबली में पूर्ण मतदान होना है। प्रस्ताव में पार्क पर संवैधानिक और आपराधिक उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है जिसमें लोगों के जीवन को बचाने में उनकी नाकामी से लेकर रिश्वत और सत्ता का दुरुपयोग के आरोप भी शामिल हैं। स्वीकार कर लिए जाने की स्थिति में इसे अंतिम मंजूरी के लिए संवैधानिक अदालत को भेजा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने पर पार्क लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई दक्षिण कोरिया की ऐसी पहली राष्ट्रपति बन जाएंगी जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं।

पार्क ने कहा है कि महाभियोग चलाने का संसद का फैसला वह स्वीकार करेंगी लेकिन जब तक अदालत में इस प्रस्ताव पर विचार होगा तब तक वह कार्यालय में बनी रहेंगी। इस प्रक्रिया में कई महीनों का वक्त लग सकता है। महाभियोग की राह में बाधा है और हाल के हफ्तों में सोल तथा अन्य शहरों में लाखों लोग राजनीतिक दलों से यह मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं कि यदि पार्क पद छोड़ने से इनकार करती हैं तो उन्हें हटा दिया जाए। प्रस्ताव पिछले हफ्ते लाया गया था और इस पर सभी 171 विपक्षी और निर्दलीय सांसदों के हस्ताक्षर हैं जो 300 की संख्या वाले चैंबर में बहुमत से 29 कम हैं।