नोर्थ कोरिया द्वारा किये गये रॉकेट लाचिंग को साउथ कोरिया ने अपने लिए चिंता का कारण बताया है। देश की राजधानी सियोल में मीडिया से बताचित करते हुए रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि, ” जिस रॉकेट को नोर्थ कोरिया ने इस हफ्ते लांच किया है वो साल 2012 में लांच किये गये रॉकेट की तुलना में अधिक ताकतवर है। रॉकेट को तीन-तीन स्तर पर प्रक्षेपित किया गया था लेकिन हमारी सेटलाइट उसे पकड़ने में नाकाम साबित हुई। यह रॉकेट साल 2012 में लांच किये गये रॉकेट उन्हा-3 के समान ही है लेकिन पिछले रॉकेट की रेंज 10,000 किलोमीटर थी जो इस बार बढ़ाकर 12000 किलोमीटर कर दी गई हैं। जिस कारण हमारे देश का ज्यादातर हिस्सा इस रॉकेट की हद में आ गया है। हालांकि अभी इस रॉकेट की कुल शाक्ति, रेंज, मारक क्षमता ठीक प्रकार से जानने के लिए हम अभी और जांज कर रहे हैं।

ऐसा अनुमान है कि नोर्थ कोरिया ने इस बार काफी बड़े साइज के रॉकेट का प्रयोग किया है। नए रॉकेट का आकार 67 मीटर होने का अनुमान है जो कि पिछले रॉकेट के 30 मीटर साइज के दोगुने से भी ज्यादा है। हालांकि अभी भी नोर्थ कोरिया रॉकेट को इंटर-कोंटिनेंटल ब्लास्टिक मिसाइल में बदलने की तकनीक हासिल नहीं कर पाया है।

पृथ्वी के चक्कर लागा रही एक सेटेलाइट ने रविवार सुबह नोर्थ कोरिया द्वारा किये गये रॉकेट लांच को देख लिया था। इस लंबी दूरी के रॉकेट के लांचिग की पूरी दुनिया ने आलोचना की है यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने नोर्थ कोरिया पर और कड़े प्रतिबंध लगाते हुए उसे विद्रोही राष्ट्र बताया है। इस रॉकेट की लांचिग नोर्थ कोरिया के पश्चिमी किनारे से की गई है साल 2012 में भी इसी किनारे से उन्हा-3 की लांचिग की गई थी।