हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब कोई दुर्घटना होती है, तो उसके नतीजे बहुत भयानक होते हैं। थाईलैंड से दक्षिण कोरिया के मुआन (Muan) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला विमान रविवार सुबह रनवे से उतर गया और उसमें आग लग गई, जिससे कई लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह विमान बोइंग 737-800 था, जिसमें 175 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे और यह थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से लौट रहा था। यह उन कई विनाशकारी विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। यहां, हम पिछले पांच वर्षों में हुई कुछ सबसे भयावह और विनाशकारी दुर्घटनाओं के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

थाईलैंड से कोरिया की घटना: एक भयावह हादसा

यह हादसा बोइंग 737-800 विमान के साथ हुआ, जो बैंकॉक से 175 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों को लेकर रवाना हुआ था। रनवे से फिसलने और आग लगने के बाद इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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लायन एयर फ्लाइट 610: नई तकनीक का जानलेवा असर

29 अक्टूबर 2018 को इंडोनेशिया में लायन एयर फ्लाइट 610 जकार्ता से उड़ान भरते ही जावा सागर में गिर गई थी। इसमें सवार सभी 189 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि विमान के ‘MCAS सिस्टम’ में तकनीकी खराबी थी। यह सिस्टम विमान को स्थिर रखने के लिए बनाया गया था, लेकिन दोषपूर्ण सेंसर की वजह से यह उल्टा असर डालता रहा। इस त्रासदी ने बोइंग के 737 मैक्स विमानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ानों से रोकने पर मजबूर कर दिया।

इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302: MCAS सिस्टम का दूसरा वार

10 मार्च 2019 को इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 157 लोगों की मौत हो गई। यह भी लायन एयर जैसी तकनीकी खामियों का शिकार हुआ। इन दो हादसों ने बोइंग के मैक्स विमानों के डिजाइन और पायलट प्रशिक्षण पर गंभीर सवाल खड़े किए।

श्रीविजय एयर फ्लाइट 182: तकनीक और मानवीय भूल का मेल

9 जनवरी 2021 को इंडोनेशिया के श्रीविजय एयर फ्लाइट 182 ने उड़ान भरने के बाद समुद्र में गिरकर 62 लोगों की जान ले ली। जांच में पाया गया कि विमान के ऑटो-थ्रॉटल सिस्टम में खराबी थी, जिसके कारण पायलट नियंत्रण खो बैठे।

एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 1344: मौसम ने किया घात

7 अगस्त 2020 को दुबई से आ रही यह फ्लाइट केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान गीले रनवे से फिसलकर घाटी में गिर गई। इसमें 21 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश और रनवे की खराब हालत इस हादसे की बड़ी वजहें थीं।

चाइना ईस्टर्न फ्लाइट MU5735: अब तक एक रहस्य

21 मार्च 2022 को चीन के पहाड़ों में यह विमान क्रैश हो गया, जिसमें 132 लोग मारे गए। ब्लैक बॉक्स डेटा से पता चला कि विमान तेजी से नीचे गिरा। दुर्घटना की वजह तकनीकी खराबी थी या किसी इंसान का हस्तक्षेप, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस फ्लाइट 8303: पायलट की गलती

22 मई 2020 को कराची में लैंडिंग के दौरान यह फ्लाइट एक रिहायशी इलाके में गिर गई। इसमें 41 लोगों की मौत हो गई। जांच में पायलट की गलती सामने आई, जिसने लैंडिंग गियर की समस्या को नजरअंदाज किया था।

इन घटनाओं से यह साफ होता है कि तकनीकी खामियों और मानवीय भूलों से बचने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। पायलटों के प्रशिक्षण में सुधार, पुराने विमानों का रखरखाव और हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है। हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाए रखना सिर्फ एयरलाइंस या निर्माताओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी विमानन अधिकारियों की साझा जिम्मेदारी है।