सिंगापुर में कट्टरता को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच देश के मलय मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने धार्मिक शिक्षकों के पंजीकरण के लिए सख्त मानदंडों की मांग की है। मीडिया रिपोर्टों में इस बात का हवाला दिया गया है। ‘द संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार नेता चाहते हैं कि सभी असातिजा (इस्लामिक शिक्षकों) को असातिजा रिकॉग्निशन स्कीम (एआरएस) के साथ पंजीकृत किया जाए। योग्य धार्मिक शिक्षकों के आकलन एवं पहचान के लिए मुस्लिमों की मदद के मकसद से 2005 में एआरएस को शुरू किया गया था।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार समुदाय के साथ नियमित संवाद के तहत कल मलय-मुस्लिम नेताओं, मुस्लिम मामलों के प्रभारी मंत्री याकूब इब्राहीम और पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्री मासागोस जुल्किफली के बीच बंद कमरे के अंदर चर्चा हुई। वर्तमान में ‘असातिजा रिकॉग्निशन बोर्ड’ और ‘सिंगापुर इस्लामिक स्कॉलर्स’ तथा ‘रिलिजियस टीचर्स एसोसिएशन’ से संचालित इसी योजना के तहत करीब 80 प्रतिशत मुस्लिम धार्मिक शिक्षकों को मान्यता दी गई है।

समुदाय के कई नेताओं ने कहा कि योजना को आवश्यक बनाना प्रगतिवादी और सक्रिय कदम होगा। इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में सिंगापुर के चार नागरिकों के खिलाफ देश की आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की घोषणा के मद्देनजर इस सप्ताह के शुरू में इस्लामिक रिलिजियस काउंसिल आॅफ सिंगापुर :एमयूआईएस: ने एआरएस के महत्व को रेखांकित किया था। गौरतलब है कि शुक्रवार को सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने बताया था कि आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत सीरिया के लिए विमान से रवाना होने और आतंकवादी समूह में शामिल होने की योजना बनाने वाले सिंगापुर के दो नागरिकों को हिरासत में लिया गया था।