नकली और घटिया क्वालिटी की दवा तथा फूड सप्लीमेंट्स को बाजार में आने से रोकने के लिए वैज्ञानिक एक खास डिवाइस तैयार कर रहे हैं। यह बेहद सस्ता डिवाइस होगा, जिसके जरिए नकली दवा की पहचान आसानी से की जा सकेगी। मौजूदा दौर में यह एक ग्लोबल समस्या बन गई है और वे देश भी इससे अछूते नहीं है, जो आधुनिक तकनीक के मामले में अग्रणी हैं। वैज्ञानिकों के इस प्रयास में भारतीय मूल के भी कई साइंटिस्ट शामिल हैं। वहीं, अफ्रीका और एशियाई देशों में तो हालत और ज्यादा खराब है।
अमेरिका की केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफसर सौम्यजीत मंडल की नजर में गरीब देशों में घटिया स्तर की दवा का बाजार में होना बड़ी समस्या है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्वरूप भुनिया भी उन वैज्ञानिकों में शामिल हैं, डिटेक्टर जैसा डिवाइस बनाने में लगे हैं। मंडल ने कहा कि जरूरत सस्ते और अच्छे उपकरण की है। हमें लगता है कि इस टेक्नोलॉजी से अचछे परिणाम आएंगे और हर चीज को कैमिस्ट्री लैब नहीं भेजना पड़ेगा।