रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक चौंकाने वाला आदेश देते हुए देश के परमाणु हथियार को तैयार रखने का आदेश दिया है। उनके इस आदेश से इस जंग में परमाणु हमले होने की आशंका बढ़ गई है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो देश ‘अनफ्रेंडली कदम’ उठा रहे हैं। इसलिए इस फोर्स को अलर्ट पर रखा जाए। इस आदेश का मतलब है कि पुतिन चाहते हैं कि रूस के परमाणु हथियार लॉन्च करने के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने ये संकेत दे दिए हैं कि यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण पर पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया परमाणु युद्ध के दरवाजे खोल सकती है। वहीं चिंताजनक घटनाक्रम के बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल रूसी अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। ताकि बातचीत से हल निकाले की कोशिश की जा सके।

वहीं पुतिन ने परमाणु चेतावनी निर्देश देते हुए न केवल नाटो सदस्यों के कथित बयानों का हवाला दिया, बल्कि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए कठोर वित्तीय प्रतिबंधों का भी हवाला दिया। जिसमें स्वयं वो भी शामिल हैं। अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए, पुतिन ने अपने रक्षा मंत्री और सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख से कहा कि वे परमाणु निवारक बलों को “लड़ाकू ड्यूटी के विशेष शासन” में रखें।

पुतिन ने अपने बयान में कहा- “पश्चिमी देश न केवल आर्थिक क्षेत्र में हमारे देश के खिलाफ अनैतिक कार्रवाई कर रहे हैं, बल्कि नाटो के प्रमुख सदस्यों के शीर्ष अधिकारियों ने हमारे देश के बारे में आक्रामक बयान दिए हैं।”

वहीं व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने इस बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि पुतिन, यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने से पहले हफ्तों में इस्तेमाल किए गए एक पैटर्न का सहारा ले रहे है। जिसमें कि आगे की आक्रामकता को सही ठहराने के लिए, मौजूद नहीं होने वाले खतरों का निर्माण करना है। वैश्विक समुदाय और अमेरिकी लोगों को इसे उसी चश्मे से देखना चाहिए। हमने उन्हें बार-बार ऐसा करते देखा है।

बता दें कि पुतिन के परमाणु वाले बयान के लगभग उसी समय, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा कि दोनों पक्ष बेलारूस की सीमा पर बातचीत के लिए मिलेंगे।