President Putin Felt Chest Pain During Televised Address: पिछले कुछ महीनों से पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति को राष्ट्र के नाम संबोधन के लिए एक टीवी संदेश की रिकॉर्डिंग के दौरान खांसी और सीने में दर्द का अनुभव हुआ। इस संबोधन में यूक्रेन पर अपने आक्रमण को और बढ़ाने की घोषणा करनी थी। वह जैसे ही बोलना शुरू किये, तभी उन्हें तेज खांसी आने लगी और सीने में दर्द महसूस हुआ। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इसकी वजह से इसके प्रसारण में 13 घंटे की देरी हुई।
हालांकि रूसी सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि राष्ट्रपति पुतिन बिल्कुल फिट हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब जब गले की परेशानी ने पुतिन के भाषण को बाधित किया है।
इस बीच यूक्रेन की सेना ने सितंबर महीने में बड़े पैमाने पर उन क्षेत्रों में फिर कब्जा कर लिया है, जिन पर रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था। यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की है। पुतिन ने इसे रूस की संप्रभुता के लिए जरूरी बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पश्चिमी देश उनके देश को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
पुतिन ने चेतावनी दी- रूस अपनी रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा
अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 आरक्षित सैनिक की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है। पुतिन ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में पश्चिमी देशों से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और ‘‘यह कोरी बयानबाजी’’ नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया तत्काल शुरू हो जाएगी। ‘सैन्य आरक्षित बल’ का सदस्य आम नागरिक होता है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है तथा जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है।
पुतिन की घोषणा की आलोचना करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ “क्रूर और बेवजह” युद्ध कर, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के “मूल सिद्धांतों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन” किया है। संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान बाइडन ने रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पुतिन द्वारा यूरोप पर परमाणु हथियारों से हमले की नयी धमकी से पता चलता है कि रूस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के बावजूद गैर जिम्मेदाराना तरीके से उसके प्रावधानों की “धज्जियां उड़ा रहा है।”