रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने बड़ा कदम उठाते हुए सैनिकों की भर्ती करने वाले सभी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। तर्क दिया गया है कि भर्ती के दौरान बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा था। ऐसे में उसे रोकने के लिए सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बड़ी बात ये है कि इन भ्रष्ट अधिकारियों को हटाकर अब उनकी नियुक्ति की जाएगी जो कहने को सेहत की वजह से युद्ध नहीं कर सकते, लेकिन दूसरी तरह से देश को अपनी सेवाएं देने का काम करेंगे।
जेलेंस्की के फैसले के मायने
बताया जा रहा है कि जेलेंस्की के नए प्लान के तहत अब भर्ती प्रक्रिया में उन अधिकारियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बारे में जेलेंस्की ने कहा कि जो लोग सैनिक मोर्चे पर समय बिता चुके हैं, या जो अब जमीन पर सेवा नहीं दे सकते हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी अपनी गरिमा बनाए रखी है, ऐसे में भर्ती के दौरान उन्हीं लोगों पर भरोसा भी किया जा सकता है।
अब ये कदम इसलिए मायने रखता है क्योंकि यूक्रेन पिछले एक साल से युद्ध के बीच में फंसा हुआ है। कई रिपोर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि इस एक युद्ध ने दोनों रूस और यूक्रेन को भारी क्षति पहुंचाई है, दोनों ही तरफ लाखों सैनिकों की मौत हुई है। लेकिन इस सब के बावजूद भी जमीन पर स्थिति विस्फोटक ही बनी हुई है, अभी भी युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
एक युद्ध और कई जिंदगियां खत्म
एक तरफ जेलेंस्की झुकने को तैयार नहीं है तो वहीं राष्ट्रपति पुतिन भी अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। ये अलग बात है कि वे पहले 72 घंटों के अंदर यूक्रेन को हराना चाहते थे। लेकिन उनका वो मिशन पूरी तरह फेल हो गया, बल्कि कहा जा सकता है कि उनकी रणनीति विफल साबित होती गई। इस सब के ऊपर रूस में भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का दौर जारी है, वहां भी सैन्य स्तर पर भ्रष्टाचार ने चुनौतियां खड़ी कर रखी हैं। ऐसे में जेलेंस्की के बाद पुतिन भी इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।