Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग इन दिनों फिर से चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस के अलावा बेलारूस भी उस पर हमला कर सकता है। यूक्रेन ने बेलारूस से कहा कि वह अपने बॉर्डर पर भेजी गई सेना को वापस बुला ले। रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच सैन्य तनाव काफी बढ़ गया है।
यूक्रेन की तरफ से यह वार्निंग पिछले दो हफ्तों से कीव और मिन्सक द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों के बाद में आई है। रूस बेलारूस को अपना सबसे मजबूत साथी मानता है। उसने यूक्रेन के कुर्स्क हमले का कड़ा जवाब देने की धमकी दी है। तो फिर यूक्रेन और बेलारूस के बीच में आखिर चल क्या रहा है और क्या उनका बॉर्डर पुतिन के साथ युद्ध में कुछ नया मोड़ ला सकती है।
बॉर्डर पर बेलारूसी सैनिकों के बारें में क्या बोला यूक्रेन
रविवार को देर रात यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बेलारूस से आग्रह किया कि वह अपने बॉर्डर से अपने सैनिकों की तैनाती को हटा ले। इसने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सैन्य अभ्यास की आड़ में बेलारूस ने उत्तरी सीमा के पास में स्पेशल ऑपरेशन फोर्स, हथियारों समेत तमाम तरह के मिलिट्री सामान को जमा किया है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हम बेलारूसी अधिकारियों को वार्निंग देते हैं कि वे मॉस्को के दबाव में अपने देश के लिए इतना बड़ा रिस्क ना लें और इस तरह की कार्रवाई को तुरंत रोक दे और अपने सैनिकों को बॉर्डर से वापस बुला लें।
रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय संगठनों की चुप्पी हैरान करने वाली
यूक्रेन ने कहा कि बेलारूसी सैनिकों के साथ-साथ रूसी वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिक भी सीमा के पास तैनात हैं। दोनों देशों के बीच 1,084 किलोमीटर लंबा बार्डर है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम वार्निंग देते हैं कि यूक्रेन अपने देश की सीमा को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाएं जाने की स्थिति में यूएन के चार्टर के मुताबिक अपनी रक्षा करेगा। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि जहां पर बेलारूस के सैनिक तैनात हुए थे वह चर्नोबिल परमाणु न्यूक्लियर पावर प्लांट के करीब थे। मंत्रालय ने कहा कि वहां पर किसी भी तरह का किया गया सैन्य अभ्यास यूक्रेन की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
बेलारूस ने क्या जवाब दिया
पिछले हफ्ते बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की थी कि देश ने अपनी लगभग एक तिहाई सेना को यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात कर दिया है। लेकिन लुकाशेंको ने तनाव में बढ़ोतरी के लिए यूक्रेन को ही जिम्मेदार बताया है। उन्होंने 18 अगस्त को बेलारूस से लगे अपने बॉर्डर पर 120,000 से ज्यादा सैनिक भेजने का आरोप लगाया। अगले दिन बेलारूस ने घोषणा की कि उसने यूक्रेन के बॉर्डर पर एयरक्राफ्ट, एयर डिफेंस फोर्स और हथियार भेजे हैं। बेलारूस ने यूक्रेन पर 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर हमले के दौरान उसके हवाई क्षेत्र का भी उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। रक्षा मंत्री विक्टर ख्रेनिन ने कहा कि अगर यूक्रेन के सैनिक उनके क्षेत्र में एंट्री लेते हैं तो बेलारूस भी जवाब देने के लिए बिल्कुल तैयार बैठा है।
लेकिन यूक्रेन ने बेलारूस के आरोपों को खारिज कर दिया है। उसने लुकाशेंको के इस दावे को खारिज कर दिया कि कीव ने सीमा पर 120,000 सैनिक भेजे हैं। रविवार को यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने बेलारूस के लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की है और ना ही वह इस तरह की कार्रवाई करने जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर बेलारूस का रुख
1991 में सोवियत संघ से आजादी मिलने के बाद से बेलारूस ने रूस के साथ काफी अच्छे संबंध बनाकर रखे हुए हैं। वह ना केवल राजनीतक तौर पर अच्छे संबंध बनाए हुए है बल्कि आर्थिक तौर पर भी काफी अच्छे संबंध हैं। लुकाशेंको पुतिन के पक्के साथी हैं और उनका देश यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान रूस के साथ खड़ा रहा है। मार्च 2022 में रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया था तो तुरंत बाद बेलारूस ने मॉस्को के लिए अपना समर्थन जाहिर करने के लिए कीव में अपना दूतावास भी खाली कर दिया। इतना ही नहीं बेलारूस ने रूस को अपने क्षेत्र में सेना को तैनात करने की इजाजत भी दे दी है।
यूक्रेन के पश्चिमी साथियों खासतौर पर अमेरिका ने रूस के साथ जंग को समर्थन देने के लिए कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए हैं। इसमें वीजा से लेकर दूसरी भी कई सारी चीजें शामिल हैं। फिर भी अब तक बेलारूस ने यूक्रेन के साथ जंग में शामिल होने के लिए दूरी बनाकर रखी हुई है। हालांकि, अब आसार कुछ बदलते हुए नजर आ रहे हैं।