यूक्रेन में रूस के हमले के तीन महीने से ऊपर हो चुके हैं। पुतिन के सैनिकों के हमले में यूक्रेन के कई शहर बर्बाद हो चुके हैं और कुछ शहरों पर तो पूरी तरह से रूस का नियंत्रण हो चुका है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जलेंस्की भले ही रूस को पीछे धकेलने की बात करते रहे हों लेकिन असलियत ये है कि अब इन शहरों के नागरिकों को रूस अपना बनाने लगा है।
रूस दे रहा पासपोर्ट- रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार दक्षिणी यूक्रेन के मास्को के कब्जे वाले शहर खेरसॉन में अधिकारियों ने शनिवार को पहली बार स्थानीय निवासियों को रूसी पासपोर्ट सौंपे हैं। रूस की TASS एजेंसी ने कहा कि मई में खेरसॉन के 23 नागरिकों को रूसी पासपोर्ट देने का फैसला किया गया था। खेरसॉन के अधिकारियों ने कहा कि पासपोर्ट देने का समय रूस दिवस को ध्यान में रखकर चुना गया था।
कब हुआ कब्जा- बताया जाता है कि 24 फरवरी के अपने आक्रमण की शुरुआत में ही रूसी सेना ने खेरसॉन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया था। तभी से रूस यहां पर अपना दायरा बढ़ाता रहा है। मिली जानकारी के अनुसार रूस ने यहां पर अब अपने सैनिकों के लिए ठिकाना भी बना लिया है, जहां से वो यूक्रेन पर लगातार हमला कर रहा है।
यूक्रेन ने क्या कहा- यूक्रेन को जैसे ही पासपोर्ट देने के बात पता चली वो बिफर पड़ा। पश्चिमी देशों से लगातार हथियार की मांग कर रहे जलेंस्की को इस रूसी कदम से बड़ा झटका लगा है। यूक्रेनी सेना ने रूस के इस कदम की निंदा करते हुए इसे अपनी क्षेत्रीय अखंडता का “घोर उल्लंघन” बताया है और कहा कि पुतिन का यह फरमान “कानूनी रूप से अमान्य” है।
अभी क्या हैं हालात- यूक्रेनी सरकार के अनुसार उसकी सेना के 10,000 लड़ाके मारे जा चुके हैं। यूक्रेन के लगभग शहर रूसी बमबारी में तबाह हो चुके हैं। रूस को भी भारी नुकसान हुआ है, लेकिन उसका पलड़ा इस युद्ध में शुरू से ही भारी रहा है। वहीं यूक्रेनी और ब्रिटिश अधिकारियों ने शनिवार को चेतावनी दी कि रूसी सेना बड़े पैमाने पर और खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर सकती है।