बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की मदद करने के लिए भारत से पहुंचे सिख वॉलियंटर्स ने गुरुवार को ‘गुरु लंगर’ शुरु कर दिया। बांग्लादेश सरकार ने इस टीम को शरणार्थियों के लिए राहत कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी। ‘द खालसा एड’ टीम ने सीमावर्ती शहर तेकनाफ में अपना कैंप लगा रखा है। टीम ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश सरकार ने शरणार्थियों को खाना बांटने के लिए सभी तरह की अनमुति दे दी है। टीम पहले पैक फूड आइटम और पानी शरणार्थियों को बांट रही थी। गुरुवार को शाहपुरी द्वीप पर लंगर सेवा शुरू की गई। यहां पर रोहिंग्या मुस्लिम कई दिनों तक टूटी नावों पर सफर करके म्यांमार से यहां पहुंच रहे हैं।

खालसा एड (इंडिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर अमरप्रीत सिंह ने फोन पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘हम लोगों ने पहली बार यहां पर खाना तैयार करके बांटा है। हम लोगों ने चावल, सब्जी और बड़े बर्तन बुधवार को बांग्लादेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद खरीद लिए थे। हमारा शुरुआती टारगेट 35 हजार लोगों को हर रोज खाना खिलाना है। हालांकि, शरणार्थियों की बढ़ती संख्या तो देखते हुए, हमें पता है कि यह काफी नहीं है, लेकिन हमें कहीं से तो शुरूआत करनी थी।’

साथ ही उन्होंने बताया, ‘हमें डर था कि खाना बंटता देख कहीं भगदड़ ना मच जाए। यहां पर पहले से ही 3 लाख शरणार्थी मौजूद हैं। लेकिन हमने सोचा कि शुरुआत में ही एक दिन में सभी लोगों को खाना खिलाने की हमारी क्षमता नहीं है। लोगों को यहां खाने की बहुत जरूरत है। बच्चे खाने के लिए सड़कों पर भीख मांगते हुए घूम रहे हैं। स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।’ लंगर के पहले दिन पका हुआ चावल और सब्जी परोसी गई।

‘गुरु लंगर’ की शुरुआत करना टीम के लिए आसान नहीं था। सिंह ने बताया, ‘हम लोग बर्तन और कच्ची सामग्री खरीदने स्थानीय मार्केट गए। लेकिन कुछ दुकानदारों ने देखा कि हम लोग बाहर के हैं तो उन्होंने चीजों के दाम बढ़ा दिए और हमसे दोगुनी कीमत मांगने लगे। हालांकि, स्थानीय लोगों ने यह सब प्रबंध करने में हमारी मदद की।’

भारत सरकार के ‘ऑपरेशन इंसानियत’ के तहत भारतीय वायुसेना का एक प्लेन भी राहत सामग्री लेकर बांग्लादेश पहुंच चुका है। विदेश मंत्रालय का कहना है, ‘भारत सरकार ने म्यांमार से भागकर बांग्लादेश आए रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए मानवता के नाते बांग्लादेश की मदद करने का फैसला किया है।’ भारत सरकार की ओर से जो राहत सामग्री पहुंचाई गई है, उसमें चावल, दाल, चीनी, नमक, खाना बनाने का तेल, चाय, नूडल्स, बिस्कुट, मच्छरदानी और अन्य रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली चीजें शामिल हैं।

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