दुनिया के मशहूर उद्योगपतियों में शुमार किए जाने वाले वर्जिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख सर रिचर्ड चार्ल्स निकोलस ब्रैनसन का सफर कतई आसान नहीं रहा है। ब्रिटेन निवासी ब्रैनसन के पिता पेशे से बैरिस्टर थे और मां फ्लाइट अटेडेंट थीं। वह बचपन में डिसलेक्सिया (पढ़ने-लिखने में दिक्कत) नामक बीमारी से पीड़ित थे। इस वजह से ब्रैनसन को 16 वर्ष की उम्र में स्कूल की पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने इसी दौरान ‘स्टूडेंट’ नाम से एक पत्रिका शुरू कर दी थी। मैग्जीन को छात्रों द्वारा ही चलाया जाता था। पहले ही अंक में उन्हें 8 हजार डॉलर का विज्ञापन मिला था। ब्रैनसन ने विज्ञापन से हुई कमाई को देखते हुए पत्रिका की 50 हजार प्रतियों को मुफ्त में ही बंटवा दिया था। शुरुआती संघर्षों और कठिनाइयों से जूझते हुए ब्रैनसन लगातार आगे बढ़ते रहे और आज वह वर्जिन ग्रुप की 400 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं। कंपनी की शाखाएं 35 से ज्यादा देशों तक फैल चुकी हैं, जिनमें तकरीबन 70 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।
वर्ष 1969 में हुआ था ‘वर्जिन’ का जन्म: सरे में पैदा हुए ब्रैनसन बाद में रहने के लिए लंदन आ गए थे। उनके आसपास म्यूजिक और ड्रग से जुड़े लोगों की अच्छी-खासी तादाद थी। ‘स्टूडेंट’ मैग्जीन को और विस्तार देने के लिए ब्रैनसन ने साल 1969 में ‘वर्जिन’ नाम से (म्यूजिक) रिकॉर्ड कंपनी खोली। इस कंपनी के जरिए वह ठीक-ठाक कमाई करने में सफल रहे। बाद में उन्होंने लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट में कंपनी की नई शाखा खोल ली। सफलता मिलने पर हाईस्कूल ड्रॉप-आउट ने ऑक्सफोर्डशायर में वर्ष 1972 में एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाने में सफल रहे।
सफलता के बाद चखना पड़ा असफलता का स्वाद: शुरुआती मुश्किलों को पार करने के बाद रिचर्ड ब्रैनसन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वर्ष 1980 में वह ट्रैवल सेक्टर में आए और वॉयजर ग्रुप नाम से ट्रैवल कंपनी बनाई। चार साल बाद उन्होंने एयरलाइन सेक्टर में कदम रखा और वर्जिन अटलांटिक एयरलाइन नाम से एक और कंपनी बना डाली। साथ ही वर्जिन मेगास्टोर भी खोला। ब्रैनसन ने बाद में कई स्टोर खोले। एक समय था जब वह हर बिजनेस में सफल हो रहे थे, लेकिन वर्ष 1992 में उन्हें झटका लगा। वित्तीय घाटे के कारण उन्हें अपनी कंपनी तक बेचनी पड़ गई। बताया जाता है कि कंपनी बेचने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते वक्त रिचर्ड ब्रैनसन फूट-फूट कर रोए थे। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और साल 1993 में वर्जिन रेडियो के नाम से रेडियो स्टेशन खोल डाला। साथ ही V2 नामक दूसरी म्यूजिक रिकॉर्ड कंपनी भी गठित कर ली थी।
स्पेस टूरिज्म पर ध्यान: रिचर्ड ब्रैनसन का नाम उन उद्योगपतियों में शुमार है जो अपने समय से काफी आगे का सोचते हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपना फोकस अब स्पेस टूरिज्म पर कर लिया है। उन्होंने एक अन्य कंपनी के साथ मिलकर स्पेसप्लेन बनाने के लिए स्पेसशिप नाम से नई कंपनी खोल ली। स्पेसशिप का अप्रैल 2013 में सफल परीक्षण भी किया गया था।