रूस के ट्रम्प प्रशासन पर संबंध सुधारने का अपना वादा पूरा करने के लिए जोर देने के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने गुरुवार (16 फरवरी) को कहा कि रूस के साथ काम करने से अगर अमेरीकियों को फायदा हो तो वह ऐसा करेगा। टिलरसन ने जर्मनी के इस शहर में जी20 की बैठक से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की जिसके बाद यह बयान आया। अमेरिकी विदेश मंत्री ने साथ ही कहा कि रूस यूक्रेनी बलों एवं रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच लड़ाई खत्म करने के लिए 2015 में हुए समझौते का पालन करे। एक्सन मोबिल के पूर्व सीईओ टिलरसन ने पहली बार लावरोव से मिलने के बाद यह टिप्पणी की। डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच यह सर्वोच्च स्तर का संपर्क था।
रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमियाई प्रायद्वीप का खुद में विलय करा लिया था और यूक्रेन में रहने वाले रूसी भाषी अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे जिसने युद्ध का रूप ले लिया जिसमें हजारों लोग मारे गए। संघर्ष के अंत के लिए दो साल पहले एक समझौता किया गया जिसे मिंस्क समझौता कहा जाता है, लेकिन झड़पें अब भी जारी हैं। टिलरसन ने लावरोव से बात करने के बाद कहा, ‘ऐसे समय में जब हम नये साझा आधार की तलाश कर रहे हैं, हम रूस से मिंस्क समझौते के प्रति उसकी प्रतिबद्धताओं का पालन करने और यूक्रेन में हिंसा को कम करने के लिए काम करने की उम्मीद करते हैं।’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘विश्वास कम होने’ की वजह से माइकल फ्लिन से मांगा इस्तीफा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से माइकल फ्लिन द्वारा इस्तीफा दिए जाने के संदर्भ में व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘विश्वास कम होने’ और अन्य ‘संदिग्ध घटनाओं’ के चलते उनसे इस्तीफा मांगा, न कि किसी कानूनी मुद्दे के चलते। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने मंगलवार (15 अगस्त) को संवाददाताओं से कहा, ‘हम सच्चाई का पता लगाने के लिए पिछले कुछ सप्ताह से नियमित आधार पर जनरल फ्लिन से जुड़े इस मुद्दे की समीक्षा और आकलन कर रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘हमें किसी कानूनी मुद्दे के आधार पर नहीं बल्कि राष्ट्रपति और जनरल फ्लिन के बीच विश्वास के स्तर के आधार पर एक बिंदु मिल गया। हमने पाया कि दोनों के बीच के विश्वास का स्तर इस कदर कमजोर हो गया था कि राष्ट्रपति को लगा कि बदलाव करना ही होगा। राष्ट्रपति इस बात से बेहद चिंतित थे कि जनरल फ्लिन ने उपराष्ट्रपति और अन्य को भ्रमित किया।’