श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने भारतीय मीडिया के जरिए उनपर निजी हमला करने के लिए अपने पूर्ववर्ती चंद्रिका कुमारतुंगा पर पलटवार करते हुए कहा कि यह ‘बेतुका’ है क्योंकि उन्होंने ज्ञात इतिहास में सबसे दमनकारी सरकार का संचालन किया।
अपनी बेबसाइट पर एक बयान में कल राजपक्षे ने कहा कि उन्हें कुमारतुंगा के बयान के लिए बहुत अफसोस है और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी :एसएलएफपी: की की पूर्व नेता एवं केन्द्रीय समिति सदस्य तथा सह-संरक्षक उन्होंने दौरे के दौरान विदेशी मीडिया से जो कहा वह ‘‘हमारी पार्टी और हमारे देश को प्रदर्शित करता है।’’
भारत के हालिया दौरे पर मीडिया के साथ संवाद में कुमारतुंगा की टिप्पणी पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया जतायी कि उन्हें उनके खिलाफ लड़ने वाले नजर नहीं आ रहे क्योंकि एसएलएफपी में ऐसे किसी को खोजना कठिन है जो भ्रष्ट या हत्यारा ना हो।
उन्होंने लिखा है, ‘ कुमारतुंगा के लिए पुलिसिया देश की बात करना बेतुका है क्योंकि उन्होंने जहां तक याद है सबसे दमनकारी सरकार का संचालन किया।’
राजपक्षे ने पलटवार करते हुए कहा कि जब उन्होंने 2005 में कुमारतुंगा के 11 साल के शासन के बाद पद संभाला था तब आतंकवादी देश के एक तिहाई हिस्से पर राज कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक से से ज्यादा समय में देश ने थोड़ा सा विकास हुआ। मुझे कहते हुए गर्व है कि अपने कार्यकाल में मैंने देश की समस्या को सुलझाने पर ध्यान दिया।’’