राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पतिन से मुलाकात की है। इस मुलाकात को काफी अहम माना गया है क्योंकि पिछले महीने ही पीएम मोदी ने यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की थी। उस मीटिंग के जरिए पीएम मोदी ने दोनों यूक्रेन और रूस को शांति संदेश देने का काम किया था। लेकिन अब जब डोभाल रूस पहुंचे, उनकी तरफ से पीएम मोदी का संदेश पुतिन को बताया गया।
अजीत डोभाल के रूस जाने का असल कारण
असल में पीएम मोदी चाहते थे कि रूसी राष्ट्रपति को पता होना चाहिए कि उनकी जेलेंस्की के साथ क्या बातचीत हुई थी। उसी बातचीत वाले संदेश को लेकर एनएसए अजीत डोभाल रूस गए थे। राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन के साथ बातचीत काफी क्लोज फॉर्मेट वाली थी। सिर्फ दो नेताओं के बीच में बात हुई थी, दो और लोग साथ बैठे थे। मैं खुद उस बातचीत का साक्षी हूं।
तीसरी बार NSA बनने के बाद अजीत डोभाल की और बढ़ी ताकत
मोदी यूक्रेन गए, तुरंत रूस जाने की क्यों जरूरत?
अब अजीत डोभाल ने इस बात पर जोर दिया था कि पीएम मोदी के कहने पर वे रूस आए हैं। यह बताने के लिए काफी है कि भारत वर्तमान में रूस को अपना एक करीबी दोस्त मानता है और हर कीमत पर उसे अपने साथ रखना चाहता है। पीएम की यूक्रेन यात्रा से रूस को कोई गलत संदेश ना चला जाए, ऐसे में डोभाल के जरिए स्थिति को स्पष्ट करने का काम किया गया है। जानकार मानते हैं कि यह भी मोदी सरकार की कूटनीति का एक अहम हिस्सा है।
पुतिन ने पीएम मोदी को क्या प्रस्ताव दिया?
जानकारी के लिए बता दें कि पुतिन के साथ हुई मुलातात में पीएम मोदी को भी एक अहम निमंत्रण दिया गया है। ब्रिक्स सम्मेलन में तो पीएम मोदी अक्टूबर में जा ही रहे हैं, साथ में अब पुतिन की तरफ से एक प्रस्ताव दे दिया गया है। उस प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस और भारत ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय बातचीत भी कर सकते हैं। इस बातचीत में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं, कई दूसरे प्रोजेक्ट्स को लेकर मंथन किया जा सकता है।