कथित नस्लभेद के आधार पर हुई पुलिस की हिंसा के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के तहत शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारी अमेरिका के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में जमा हुए, जिसके चलते छुट्टियों के इस मौसम में खरीदारी के लिहाज से सबसे व्यस्त माने जाने वाले दिन का कामकाज ठप हो गया।

मध्य पश्चिमी राज्य मिनीसोटा के ब्लूमिंगटन स्थित मॉल आॅफ अमेरिका में ये प्रदर्शनकारी शनिवार को जमा हुए। इनके पास ‘अश्वेतों का जीवन महत्त्वपूर्ण है’ जैसे नारे लिखी तख्तियां थीं। पुलिस के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों में यह नारा एक प्रमुख रूप ले चुका है।

ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीरों में दर्जनों प्रदर्शनकारी नजर आए जिनमें कई दुकानदार भी शामिल हैं। ये लोग अपने हाथों को उठाए दिखाई पड़ रहे हैं। उनकी यह मुद्रा दरअसल माइकल ब्राउन को श्रद्धांजलि की मुद्रा है। ब्राउन की मिसूरी के फर्ग्यूसन में एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने हत्या कर दी थी।
कुछ चश्मदीदों का दावा है कि जब ब्राउन को नौ अगस्त को गोली मारी गई, तब उसने अपने हाथ उठा रखे थे। ब्राउन की मौत और उसके बाद ग्रैंड ज्यूरी द्वारा मामले में संलिप्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न करने के फैसले से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी इसे अफ्रीकी अमेरिकियों के खिलाफ घातक बल का अनुचित इस्तेमाल बताते हैं।

मॉल ऑफ अमेरिका विरोध प्रदर्शन के फेसबुक पेज के अनुसार तीन हजार से ज्यादा लोगों ने कहा था कि वे इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। सोशल मीडिया पर डाली गई तस्वीरें दर्शाती हैं कि लोग इस मॉल की विभिन्न मंजिलों पर इकट्ठे हुए हैं और बाहर भी भीड़ जमा है।

मिनियापोलिस स्टार ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, पुलिस और मॉल के सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन किसी गिरफ्तारी की कोई खबर तत्काल नहीं मिली है।

कई प्रदर्शनकारियों ने मॉल में लगी सूचना देने वाली स्क्रीन पर आती उस चेतावनी की तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें लोगों को गिरफ्तारी के बारे में चेताया जा रहा है। चेतावनी में लिखा था-‘यह प्रदर्शन मॉल आॅफ अमेरिका की नीति का स्पष्ट उल्लंघन है। जो लोग प्रदर्शन जारी रखेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।’

पुलिस का कहना है कि ज्यादातर प्रदर्शनकारी दोपहर तक तितर-बितर होना शुरू हो गए थे।

ब्राउन की मौत के मामले में डैरेन विल्सन नामक पुलिस अधिकारी पर मुकदमा न चलाने के पिछले महीने के ग्रैंड ज्यूरी के फैसले के बाद ऐसा ही एक फैसला एक अन्य अश्वेत एरिक गार्नर की मौत के मामले में आया। छह बच्चों के पिता एरिक की मौत एक श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा उसका गला घोंटे जाने के कारण हुई थी।

इन घटनाओं के अलावा मौत की अन्य घटनाओं में 12 वर्षीय तामिर को गोली मारे जाने की घटना भी शामिल है। तामिर को क्लीवलैंड पुलिस ने उस समय गोली मार दी थी, जब वह हवा में खिलौने वाली बंदूक लहरा रहा था।

अमेरिका में पुलिस कार्रवाई को लेकर पनप रहा रोष इन घटनाओं के बाद व्यापक रूप ले चुका है। इसके साथ ही अश्वेत लोगों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच के असहज संबंधों की स्थिति भी उजागर हो गई है।