पाकिस्तान सरकार ने इस बीच पेशावर के आर्मी स्कूल पर हमले में तालिबान प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला, उसके उपप्रमुख खालिद हक्कानी के अलावा आतंकवादी समूह के 14 अन्य शीर्ष कमांडरों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। जांचकर्ताओं ने आज घटनास्थल का दौरा किया, साक्ष्य जुटाए और हमले में बचे लोगों के बयान दर्ज किए।

तहरीक ए तालिबान के जिन अन्य शीर्ष कमांडरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनके नाम हैं- हाफिज गुल बहादुर, सैफुल्ला, मंगल बाघ, हाफिज दौलत, सरवर शाह, मौलवी फकीर, अब्दुल वली, कारी शकील, असलम फारुकी औरंगजेब और जान वली। माचनी गेट थाने के थाना प्रभारी शेर अली खान की तरफ से इसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

आतंकवाद निरोधक विभाग की तरफ से मिले दस्तावेजों के मुताबिक सातों आत्मघाती हमलावरों अबुजार, उमर, इमरान, यूसुफ, उजैर, कारी और चमने उर्फ चमटू के नाम भी प्राथमिकी में दर्ज हैं।

पेशावर के आर्मी स्कूल पर हमले में तालिबान प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला, उसके उपप्रमुख खालिद हक्कानी के अलावा आतंकवादी समूह के 14 अन्य शीर्ष कमांडरों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। (फोटो: रॉयटर्स)

 

दस्तावेज के मुताबिक आत्मघाती बम हमलावरों को बारा के शीन ड्रांग मरकज में प्रशिक्षण दिया गया जिसके बाद उन्हें पेशावर भेज दिया गया। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा के पास दिसंबर के पहले हफ्ते में हुए विभिन्न चरमपंथी संगठनों की बैठक में हमले की योजना बनाई गई।

पेशावर के स्कूली छात्रों पर तालिबान के हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तानी सेना ने 57 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। सेना ने यह हमला खैबर के कबीलाई इलाकों में किया जहां पर आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने की खबरें थीं। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि सेना ने बुधवार को खैबर के कबीलाई इलाकों में तिराह घाटी में तालिबान के छिपने के स्थलों पर 20 हवाई हमले करके 57 आतंकवादियों को ढेर कर दिया। यह इलाका पेशावर के पास है।

तहरीक ए तालिबान के जिन अन्य शीर्ष कमांडरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनके नाम हैं- हाफिज गुल बहादुर, सैफुल्ला, मंगल बाघ, हाफिज दौलत, सरवर शाह, मौलवी फकीर, अब्दुल वली, कारी शकील, असलम फारुकी औरंगजेब और जान वली। (फोटो: रॉयटर्स)

 

पेशावर के सैन्य विद्यालय में हमला करने वालों में शामिल आतंकियों से पूछताछ में यह जानकारी मिली थी कि उन्हें खैबर के बारा क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया गया था। उसी के बाद यह अभियान शुरू किया गया। विद्यालय पर हमले की घटना में 132 छात्रों समेत कुल 148 लोग मारे गए थे। सेना ने कहा है कि जारी अभियान खैबर-1 की समीक्षा भी चल रही है।