लाहौर की एक अदालत ने एक पाकिस्‍तानी व्‍यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। दोषी ने पिछले साल ‘गोल रोटियां’ न बना पाने की वजह से अपनी 12 साल की बेटी की हत्‍या कर दी थी। एडि शनल डिस्ट्रिक्‍ट और सेशंस जज ने खालिद महमूद को अपनी बेटी के कत्‍ल और लाहौर के एक अस्‍पताल के बाहर उसकी लाश ठिकाने लगाने के लिए सजा-ए-मौत सुनाई। अभ‍ियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने एफआईआर दर्ज कराके दावा किया कि उसके बेटी शायद अगवा कर ली गई है क्‍योंकि वह कुछ खाना लेने बाहर गई थी, मगर लाैटी नहीं। बाद में शादबाग पुलिस को पता चला कि मेयाे अस्‍पताल के बाहर मृत मिली बच्‍ची असल में अपने पिता द्वारा ‘गोल रोटी’ न बनाने की वजह से मार डाली गई थी। पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ के बाद लड़की के पिता और भाई अबूजार को गिरफ्तार कर लिया। संदिग्‍धों ने कबूल लिया कि उन्‍होंने ही लड़की की पिटाई की थी, जिसकी बाद में चोटों की वजह से मौत हो गई। दोनों ने कबूला कि उन्‍होंने लाश ठिकाने लगाई और अपहरण का झूठा मामला दर्ज कराया। सभी दलीलों को सुनने और सबूताें की जांच के बाद, सेशंस अदालत के जज ने खालिद को मौत की सजा देने का ऐलान किया, उस पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

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डॉन न्‍यूज के अनुसार, दोषियों की गिरफ्तारी के समय एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था, ”खालिद और उसका बेटा पुलिस को बेवकूफ बनाने के लिए मगरमच्‍छे के आंसू रोता रहा लेकिन उसकी मां ने इस बात से पर्दा उठाया कि कितनी बर्बरता से उन्‍होंने 12 साल की बच्‍ची को पीट-पीटकर मार डाला।”

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पिछले इस साल जब यह अंतर्राष्‍ट्रीय मीडिया में हाईलाइट हुई तो दुनिया भर में इसकी निंदा की गई थी। लोगों ने आरोपी पिता के खिलाफ सोशल मीडिया पर गुस्‍सा जाहिर किया था।