पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान के परिवार का नाम पनामा पेपर्स में आया है। खान के परिवार के चार लोगों के नाम का जिक्र इन पेपर्स में है। पेपर्स ने अनुसार, इन लोगों का बहमास में स्थित एक विदेशी कंपनी में मालिकाना हक है।
डॉन की खबर के मुताबिक, खान के भाई अब्दुल क्युइम खान, पत्नी हेंद्रिना और दो बेटियों दीना खान और आयशा खान को बहमास में रजिस्टर्ड एक कंपनी ‘वहादत लिमिटेड’ के मालिकों के रूप में दर्शाया गया है।
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हालांकि ये नाम अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ ‘आईसीआईजे’ द्वारा ऑनलाइन जारी किए गए डेटा का हिस्सा नहीं थे लेकिन, वहादत लिमिटेड का नाम वेबसाइट पर है। इसका नाम समूह द्वारा हासिल किए गए व्यापक डेटाबेस में भी है।
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कंपनी का रजिस्ट्रेशन जनवरी 1998 में किया गया था। यह उस साल मई में हुए परमाणु परीक्षणों से कुछ माह पहले की बात है। रजिस्ट्रेशन को 12 अक्तूबर के तख्तापलट के बाद 31 दिसंबर 1999 को रद्द कर दिया गया था। वहीं, खान ने अपनी सफाई में कहा, ‘मैंने कभी इस कंपनी का नाम नहीं सुना है।’
खान ने कहा, ‘न मेरी पत्नी, न मेरी बेटियां और न ही कुछ साल पहले दुनिया छोड़ चुका मेरा भाई हबीब बैंक से जुड़ा था। और जैसा कि आप जानते हैं कि बैंकर हमेशा अपनी तिकड़म लगाते रहते हैं और छलकपट करते रहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी पत्नी और मेरी बेटियों ने कभी भी इस कंपनी के गठन के लिए किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। (कागजों पर) हस्ताक्षर निश्चित तौर पर झूठे हैं। मेरे भाई ने कभी इसका जिक्र नहीं किया और मेरे परिवार ने पनामा पेपर्स जारी होने के बाद ही इस कंपनी के बारे में सुना है।’
रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी को आईएलएस फिडुशियरीज आईओएम (लिमिटेड) की मध्यस्थ के रूप में दिखाया गया है, जो आइल ऑफ मैन में पंजीकृत है और अब भी सक्रिय है। इस कंपनी के वर्ष 1993 से पनामा और निउ जैसी विभिन्न क्षेत्रों की 611 अन्य इकाइयों के साथ संपर्क हैं। इनमें से अधिकतर या तो ‘निष्क्रिय’ हो चुकी हैं या फिर ‘दिवालिया’।
आईसीआईजे मध्यस्थ को एक ऐसी इकाई के रूप में परिभाषित करता है, जो विदेश में कंपनी स्थापित करना चाह रहे व्यक्ति और ऐसी कंपनियां स्थापित करवाने वाले सेवा प्रदाता के बीच काम करती है। आम तौर पर यह कोई विधि कंपनी या मध्यस्थ व्यक्ति होता है, जो विदेशी सेवा प्रदाता से कहता है कि वह किसी क्लाइंट के लिए विदेश में कंपनी बना दे।
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के निर्माता माने जाने वाले खान पर तत्काल सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने वर्ष 2004 में परमाणु सामग्री का कपटपूर्ण प्रसार नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया था। कुछ ही देर बाद खान की रिकॉर्ड की गई स्वीकारोक्ति का प्रसारण किया गया। इसमें उन्होंने उस सभी परमाणु प्रसार की जिम्मेदारी ली थी, जो सामने आया था।
वर्ष 2004 के बाद से ही वह घर में नजरबंद हैं। हालांकि वह आसपास जा सकते हैं, फोन कर सकते हैं, आगंतुकों से मिल सकते हैं और अखबार में नियमित स्तंभ लिख सकते हैं।