एक ओर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया एक नई परिपूर्ण अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की बात कर रहा है। वॉशिंगटन के अधिकारियों का कहना है कि अगर प्योंगयांग ऐसा कोई भी प्रक्षेपण करेगा जो अमेरिका के इलाके या इसके सहयोगियों के लिए खतरा बन सकता है तो इसे नीचे गिरा दिया जाएगा। उत्तर कोरिया ने यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि निकट भविष्य में ही वह आईसीबीएम का परीक्षण करेगा। इसकी वजह अमेरिका की उस नीति को माना जा सकता है जिसके तहत वह अपने क्षेत्र के लिए खतरा समझी जाने वाली किसी भी मिसाइल को गिरा सकता है।

प्योंगयांग और वॉशिंगटन के एक दूसरे के प्रति रुख को देख कर ऐसा लगता है कि 20 जनवरी को राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप की ताजपोशी से पहले दोनों एक दूसरे को परख रहे हैं। आईसीबीएम का सफल प्रक्षेपण उत्तर कोरिया के लिए जहां एक बड़ा कदम होगा वहीं यह वॉशिंगटन और उसके सहयोगियों के लिए गंभीर चिंता का विषय भी होगा। किम जोंग उन ने नव वर्ष पर अपने संबोधन में कहा था कि उनका देश आईसीबीएम के विकास के ‘अंतिम चरण’ में पहुंच चुका है।