उत्तर कोरिया की ओर से शुक्रवार (9 सितंबर) एक और परमाणु परीक्षण किए जाने पर विश्व जगत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस मामले पर दक्षिण कोरिया एवं जापान के साथ विचार-विमर्श किया और प्योंगयांग को ‘गंभीर परिणाम’ की चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश एर्नेस्ट ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि वह हमारे साझेदारों और सहयोगियों के साथ आने वाले दिनों में विचार-विमर्श जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्तर कोरिया को उकसाने वाले कदमों को लेकर गंभीर परिणाम भुगतना पड़े।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा को उस वक्त हालात के बारे में सूचना दी गई जब वह एशिया दौरे से स्वदेश के लिए रवाना हुए और वह आधिकारिक विमान एयरफोर्स वन में थे।
ओबामा ने अपने विमान से ही दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क ग्वेन ही और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे से भी बातचीत की। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को सुबह पांचवा और संभवत: सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए ने कहा है कि अगर उत्तर कोरिया के इस कदम पुष्टि हो जाती है तो यह ‘बहुत परेशान करने वाली और अफसोसनाक’ बात होगी। आईएईए प्रमुख यूकिया अमानो ने कहा, ‘यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांगों की घोर अहवेलना है।’
चीन ने भी परमाणु परीक्षण का ‘कड़ा विरोध’ करते हुए उत्तर कोरिया के समक्ष कूटनीति विरोध दर्ज कराया और प्योयांग से यह भी कहा कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपने वादे का सम्मान करे तथा ऐसा कोई कदम उठाने से बचे जो हालात को बिगाड़ने वाला हो। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम उत्तर कोरिया का आह्वान करते हैं कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर किए गए वादे का सम्मान करे, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करे और हालात को बिगाड़ने वाल किसी भी कदम से बचे।’ बयान में कहा गया है, ‘कोरिया प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करता रहेगा तथा छह पक्षीय वार्ता के जरिए समस्याओं के समाधान को लेकर भी वह प्रतिबद्ध है।’
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘आज उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विरोध के बावजूद एक और परमाणु परीक्षण कर दिया। चीन की सरकार इसके विरोध में हैं। हम उत्तर कोरिया का आह्वान करते हैं कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर किए गए वादे का सम्मान करे, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करे और हालात को बिगाड़ने वाल किसी भी कदम से बचे।’
उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की निंदा करते हुए दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति ग्वेन ही ने शुक्रवार को इसे प्योगयांग द्वारा ‘खुद की तबाही’ की ओर उठाया गया कदम बताया जो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में इसे और भी ज्यादा अलग-थलग कर देगा। उन्होंने कहा, ‘परमाणु परीक्षण करने से किम जोंग उन की सरकार को ज्यादा प्रतिबंधों और अलगाव का ही सामना करना पड़ेगा। इस तरह का उकसावा उसे अपनी तबाही की ओर ज्यादा तेजी से ले जाएगा।’
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण को शुक्रवार को ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘उत्तर कोरिया का परमाणु विकास जापान की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय समेत क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को कमजोर कर रहा है।’ इससे पहले उत्तर कोरिया के सरकारी टेलीविजन ने बताया था कि देश ने परमाणु हथियार का परीक्षण किया है। परमाणु परीक्षण स्थल के निकट 5.3 तीव्रता का झटका किया गया था।

