उत्तर कोरिया के सीमावर्ती क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ से कम से कम 133 लोग मारे गए हैं और 395 अन्य लापता हैं, जबकि हजारों घर बह गए। प्योंगयांग के क्षेत्र में बड़ी मुसीबत की रिपोर्ट करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी। विश्व निकाय की ओर से जारी किए एक बयान में कहा गया है कि तुमेन नदी से सटे इलाकों में रहने वाले तकरीबन 107,000 लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हो गए हैं। विश्व निकाय का बयान सोमवार (12 सितंबर) को प्राप्त हुआ है और उसमें उत्तर कोरिया सरकार के आंकड़ों का हवाला दिया गया है। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने इसे दशकों में हुई सबसे भंयकर वर्षा बताया है जिससे चीन और रूस से लगती उसकी उत्तरपूर्वी सीमा के पास बाढ़ आई है। उसने कहा कि बाढ़ की वजह से लोगों को बेहद परेशानी का सामना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि 2012 की गर्मियों में भीषण आंधी की वजह से कम से कम 169 लोग मारे गए थे। यूएन ऑफिस फॉर कोर्डिंनेशन ऑफ ह्यूमेंटेरियन अफेयर्स (ओसीएचए) ने रविवार (11 सितंबर) को एक बयान में बताया कि ताजा बाढ़ ने 35,500 घरों को प्रभावित किया है जिनमें 69 प्रतिशत को पूरी तरह से तबाह हो गए और 8,700 सरकारी इमारतों को नुकसान हुआ है। इसने कहा कि करीब 16000 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और कम से कम 1,40,000 लोगों को तुरंत मदद की दरकार है।