परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया ने आज जापान सागर में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना ने इस बात की पुष्टि की है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी थी कि यदि वैश्विक समुदाय प्रतिबंध कड़े करता है तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल करीब 60 किलोमीटर दूर तक गई। उसने कहा, ‘‘सेना उत्तर कोरिया के भड़काऊ कदमों पर निकटता से नजर रख रही है और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है।’ अमेरिकी सेना ने कहा कि मध्यम दूरी की केएन 15 बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई। यह पता लगाया गया है कि इस मिसाइल से अमेरिका को कोई खतरा नहीं था।

हिंद-एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य कमान ने कहा, ‘‘अमेरिकी प्रशांत कमान सुरक्षा बनाए रखने के लिए कोरिया गणराज्य और जापान के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर निकटता से काम करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’ अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने पुष्टि की कि प्योंगयांग ने ‘‘एक और’’ मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका उत्तर कोरिया के बारे में काफी बोल चुका है। हमारे पास करने के लिए और कोई टिप्पणी नहीं है।’

जापान ने प्रक्षेपण की निंदा की और कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को उल्लंघन है। मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने कहा, ‘जापान उत्तर कोरिया द्वारा बार बार उठाए जा रहे भड़काऊ कदमों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया है और कड़ी निंदा की है।’

प्योंगयांग परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम एक ऐसी लंबी दूरी की मिसाइल विकसित करना चाहता है जो अमेरिका के मुख्य भूभाग तक वार कर सके और उसने अभी तक पांच परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमेंं से दो पिछले साल किए गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में चेतावनी दी थी कि यदि चीन आगे नहीं आता है तो वह अकेला ही उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार है। यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात होने वाली है।