उत्तर कोरिया ने शुक्रवार (9 सितंबर) को परमाणु आयुध का एक सफल परीक्षण करने का दावा किया जबकि दक्षिण कोरिया ने परीक्षण की आलोचना करते हुए कहा कि युवा शासक किम जोंग उन की ‘सनक भरी लापरवाही’ आत्म-विनाश की ओर ले जाएगी। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने कहा कि परीक्षण से रॉकेट पर लघु परमाणु आयुध लगाने में सक्षम होने का देश का लक्ष्य पूरा हो गया। इससे पहले उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल के कुछ परीक्षण किए थे जिनपर उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई और संयुक्त राष्ट्र ने उस पर प्रतिबंध भी लगाए।

उत्तर कोरिया की एक टीवी उद्घोषक ने कहा ‘हमारे परमाणु वैज्ञानिकों ने नव विकसित परमाणु आयुध का परमाणु परीक्षण किया जो कि देश के उत्तरी परमाणु परीक्षण स्थल पर संपन्न हुआ।’ उद्घोषक ने कहा ‘हमारी…पार्टी ने हमारे परमाणु वैज्ञानिकों को…परमाणु आयुध के सफल परीक्षण के लिए बधाई संदेश भेजा है।’ इस बीच, दक्षिण कोरिया 10 किलोटन के इस आयुध परीक्षण को उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण मान रहा है।

उत्तर कोरिया के इस परीक्षण की तत्काल तीखी आलोचना हुई और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसके ‘गंभीर नतीजों’ की चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने इस संकट से निपटने पर दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं से बात की। राष्ट्रपति पार्क गेयुन-ह्ये ने इसे किम की ‘सनक भरी लापरवाही’ बताया। पार्क ने कहा ‘किम जोंग उन के शासन पर और प्रतिबंध लगेंगे तथा अलगाव बढ़ेगा, ऐसे उकसावे उसके आत्म.विनाश की ओर ले जाएंगे।’

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति ने चेताया कि किम जोंग उन की परमाणु हथियार बनाने के प्रति दीवानगी गंभीर चुनौती उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा ‘हम हरसंभव उपायों का उपयोग कर उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाएंगे जिनमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अधिक, कठोर प्रतिबंध लगाना शामिल होगा।’ उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की खबर तब आई जब भूगर्भीय हलचल के निरीक्षकों ने शुक्रवार (9 सितंबर) सुबह उत्तर कोरिया के प्युंग्यी-री परमाणु स्थल के समीप 5.3 तीव्रता के कृत्रिम भूकंप का पता लगाया। जनवरी में इसी स्थान पर उत्तर कोरिया ने आखिरी परमाणु परीक्षण किया था। दक्षिण कोरिया की मौसम एजेंसी के अधिकारी किम नाम वूक ने बताया ‘10 किलोटन का यह विस्फोट चौथे परमाणु परीक्षण का करीब दोगुना और हिरोशिमा विस्फोट (लगभग 15 किलोटन) से थोड़ा कम था।’