भारत में रेप के आरोपों का सामना कर रहे भगोड़े नित्यानंद ने ‘यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा’ नाम से एक नया देश बनाने का दावा किया था। हाल ही में उसने अपने देश के प्रतिनिधिमंडल के एक महिला की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र (UN) की बैठक में शामिल होने का दावा किया है। साध्वियों जैसी वेशभूषा में संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा दफ्तर में अंग्रेजी में भाषण देती इस महिला का वीडियो नित्यानंद के ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया था। नित्यानंद की शिष्या ने UN में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला था।
भारत के खिलाफ UN में दिए बयान पर दी सफाई
हाल ही में नित्यानंद की शिष्या विजयप्रिया ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने बयान पर सफाई दी है। नित्यानंद के देश कैलासा की ओर से संयुक्त राष्ट्र के एक प्लेटफॉर्म भारत के खिलाफ बयान देने पर विजयप्रिया ने सफाई देते हुए कहा कि नित्यानंद के उत्पीड़न के मामले में उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में कैलासा की ओर से स्थायी राजदूत होने का दावा करने वाली विजयप्रिया ने कहा था कि उनके गुरु नित्यानंद को उनकी जन्मभूमि में हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा परेशान किया जा रहा है।
नित्यानंद का भारत में उत्पीड़न
जिसके बाद अब संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने बयान से पलटते हुए विजयप्रिया नित्यानंद ने कहा कि संयुक्त राज्य कैलासा भारत को पूरा सम्मान देता है और भारत को अपने गुरुपीडम के रूप में मानता है। दरअसल, 22 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा कार्यालय में हुए एक सम्मेलन में विजयप्रिया अपने काल्पनिक देश कैलासा की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचीं थीं। जहां उन्होंने भारत पर आरोप लगाया था कि उनके गुरु नित्यानंद का भारत में उत्पीड़न हो रहा है। गौरतलब है कि नित्यानंद पर भारत में रेप के आरोप हैं और भारत से फरार है।
UN ने कहा काल्पनिक देश के बयान को करेंगे नजरअंदाज
वहीं, दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि नित्यानंद की ओर से स्थापित देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ के प्रतिनिधियों की ओर से पिछले हफ्ते जिनेवा में सार्वजनिक सभाओं में दी गई दलील अप्रासंगिक है और इस पर विचार नहीं किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा है कि जिन विषयों पर बैठक में चर्चा हो रही थी उसके हिसाब से प्रतिनिधि का भाषण अप्रासंगिक था।