हाल ही में रिलीज हुई एक डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि ब्रिटिश स्पाई कॉल इंटरसेप्ट्स (Spy Call Intercepts) ने कनाडाई अधिकारियों को यह निष्कर्ष निकालने में मदद की थी कि भारत और खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच कथित संबंध थे। ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री, इनसाइड द डेथ्स दैट रॉक्ड इंडियाज रिलेशन्स विद द वेस्ट में बताया गया है कि एक ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने उन कॉलों को इंटरसेप्ट किया जिनमें तीन टारगेट्स पर चर्चा होती दिख रही थी।

खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए 2020 में भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए कनाडाई सिख निज्जर का नाम कथित तौर पर ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए फ़ाइव आइज़ समझौते के तहत कनाडाई अधिकारियों को दी गई ख़ुफ़िया जानकारी में शामिल था। सूत्रों के अनुसार, यह इस बात को रेखांकित करता है कि फ़ाइव आइज़ ख़ुफ़िया-साझाकरण नेटवर्क ने जानकारी को एक साथ जोड़ने में मदद की थी। वीडियो डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि जुलाई 2023 में निज्जर हत्या की जांच में एक सफलता मिली जब यूके को प्रासंगिक जानकारी प्राप्त हुई।

डॉक्यूमेंट्री में निज्जर की हत्या से संबंधित क्या दावा किया गया?

डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि ब्रिटिश खुफिया जानकारी केवल सख्त शर्तों के तहत साझा की जाएगी, इसे कनाडा को सौंप दिया जाएगा और लंदन द्वारा पूर्व-अनुमोदित केवल मुट्ठी भर कनाडाई अधिकारी ही इसे देख सकेंगे।

डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है, “यह फाइल ब्रिटिश खुफिया एजेंसी द्वारा उन व्यक्तियों के बीच हुई बातचीत का सारांश थी, जिनके बारे में विश्लेषकों का मानना ​​है कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे।” इसमें आरोप लगाया गया है, “उन्होंने तीन संभावित लक्ष्यों पर चर्चा की थी- निज्जर, (अवतार सिंह) खंडा और गुरपतवंत सिंह पन्नू। बाद में, इस बारे में बातचीत हुई कि निज्जर को कैसे सफलतापूर्वक खत्म किया गया।”

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डॉक्यूमेंट्री में पन्नू का इंटरव्यू

डॉक्यूमेंट्री के बाद, सिख फेडरेशन यूके ने कहा कि उसने सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस को पत्र लिखकर पूछा है कि ब्रिटिश सरकार के पास जुलाई 2023 की खुफिया जानकारी क्यों है, जिसे उसने सिख समुदाय के सांसदों द्वारा विशेष रूप से पूछे जाने पर साझा या संदर्भित नहीं किया है। पत्र में फेडरेशन ने कहा है, “हम ब्रिटिश खुफिया जानकारी को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं जो अवतार सिंह खंडा की रहस्यमय मौत से संबंधित है।”

ब्रिटिश सिख खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता खंडा का जून 2023 में बर्मिंघम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था और ब्रिटेन में कुछ समूहों के आरोपों के बावजूद, ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उसकी मृत्यु के आसपास कोई संदिग्ध परिस्थितियां नहीं थीं। अमेरिका में रहने वाले पन्नू को खालिस्तानी उग्रवाद के लिए भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री में उसका भी इंटरव्यू लिया गया है जिसमें वह सशस्त्र बॉडीगार्ड से घिरा हुआ दिखाई देता है और अपनी जान को खतरा होने का दावा करता है।

भारत-कनाडा के संबंधों में दरार

इस मुद्दे पर तब बड़ा कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया जब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने 2023 में कनाडा की संसद में एक बयान दिया कि उनके सुरक्षा बल ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या से भारतीय सरकारी एजेंटों के जुड़े होने के विश्वसनीय आरोपों की सक्रियता से जांच कर रहे हैं। भारत ने में हत्या में संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था।

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