न्यूजीलैंड में कार्यरत 30 वर्षीय एक सिख व्यक्ति को उनकी पगड़ी की वजह से एक क्लब में प्रवेश करने से रोक दिया गया जिसके बाद उन्होंने धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज करायी।
एक रियल एस्टेट एजेंट गुरप्रीत सिंह को अपने सहयोगियों के साथ दोपहर का भोजन करने के लिए आॅकलैंड में मनुरेवा कॉस्मोपॉलिटन क्लब में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी क्योंकि उन्होंने क्लब की सिर पर कुछ नहीं पहनकर आने की नीति का उल्लंघन किया था।
द न्यूजीलैंड हेराल्ड ने सिंह को यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘‘हमने क्लब के कर्मचारियों को यह समझाने की कोशिश की कि पगड़ी हमारे विश्वास का हिस्सा है और कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे मैं उतार सकता हूं।’’
सिंह ने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने कहा नहीं, यह हमारी नीति है और हम इससे बंधे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहस करने की जगह हम वहां से चले गये।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि यह नस्लवाद है या अज्ञानता ,लेकिन उन्होंने जो किया उसने मुझे हैरान और अपमानित किया। मैं घटना से शर्मिंदा हो गया था।’’
इसके बाद, मानवाधिकार आयोग में कल धार्मिक भेदभाव की एक शिकायत दर्ज करायी गयी।
खबर के अनुसार वह सात वर्षों से न्यूजीलैंड में रह रहे हैं और ऐसा पहली बार हुआ जब उनकी पगड़ी समस्या का कारण बनी।
सिंह ने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड में पगड़ी एक सांस्कृतिक वस्तु के रूप में पहचानी जाती है। अगर हम एक पासपोर्ट, या ड्राइवर्स लाइसेंस के लिए या बैंक जाते हैं तो हमें पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाती है।’’
क्लब के अध्यक्ष जॉन स्टीवेंस ने कहा, ‘‘यह सिर्फ मानक नियम है जो कि हमारे क्लब में पिछले 50 वर्षो से लागू है। यह लोगों को टोपी और इस जैसी वस्तुओं को पहनकर आने से रोकने के लिए है।’’