नेपाल की संसद के उच्च सदन नेआज उस संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी, जिसमें देश के नक्शे को अपडेट करने का प्रावधान है। बता दें कि नेपाल ने पिछले हफ्ते ही इस बिल को निचले सदन में पास कराया था। इस नक्शे में नेपाल ने भारत के क्षेत्र में आने वाले लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपने इलाके में दिखाया है। विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया। इसके पक्ष में 57 वोट पड़े, जबकि एक भी वोट इसके विपक्ष में नहीं आया, न ही कोई सांसद सदन से अनुपस्थित रहा।
गौरतलब है कि नेपाल ने यह कदम भारत के विरोध के बावजूद उठाया है। नेपाल ने 18 मई को एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था। इस नक्शे के बाद दोनों देशों के बीच कड़वाहट बढ़ रही है। भारत के लगातार विरोध के बाद भी नेपाल इस नक्शे पर अड़ा है। नेपाल की ओली सरकार ने पिछले महीने नक्शा जारी करते हुए कहा था कि नेपाल बातचीत के माध्यम से भारत द्वारा कब्जा की गई भूमि वापस हासिल करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव पिछले हफ्ते ही बयान जारी कर कह चुके हैं कि हमने नेपाल द्वारा नये मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्र को शामिल करने के संविधान संशोधन विधेयक को देखा है। हमने पहले ही इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है उन्होंने कहा कि दावों के तहत कृत्रिम रूप से विस्तार साक्ष्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है ।